नई दिल्ली। प्रयागराज में लगे महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। इतने लोगों के स्नान के बाद भी गंगा जल पूरी तरह से साफ़ है। देश के प्रमुख वैज्ञानिकों में शामिल व पद्मश्री डॉ अजय सोनकर ने स्टडी के हवाले से कहा कि गंगा पूरी दुनिया में एकमात्र मीठे पानी की नदी है। इसमें 1,100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज हैं, ये प्राकृतिक रूप से प्रदूषण को खत्म कर देते हैं। ये बैक्टीरियोफेज अपने से 50 गुना अधिक कीटाणुओं को मार देते हैं।
कलाम भी कर चुके तारीफ
आपको बता दें कि पद्मश्री डॉ अजय सोनकर वो वैज्ञानिक हैं, जिनकी तारीफ पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी कर चुके हैं। डॉ अजय सोनकर ने अपने अध्ययन का खुलासा महाकुंभ में गंगा के पानी पर हो रहे बवाल के बाद किया है। सोनकर ने गंगा की तुलना समुद्र के जल से किया। कहा कि गंगा जल में स्थित बैक्टीरियोफेज बैक्टीरिया और प्रदूषण को खत्म कर देता है।
बहुत शक्तिशाली है बैक्टीरियोफेज
सोनकर ने यह अध्ययन टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वैगनिंगन यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और राइस यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर किया। उन्होंने कहा कि गंगाजल में मौजूद 1100 तरह के बैक्टीरियोफेज सुरक्षा गार्ड की तरह है। ये बैक्टीरिया से 50 गुना छोटे लेकिन बहुत शक्तिशाली होते हैं। बैक्टीरिया में प्रवेश कर उनके RNA को नष्ट कर देते है।
विपक्ष ने मचाया था हंगामा
महाकुंभ के दौरान जब लाखों लोग स्नान करते हैं तो उनके शरीर से निकलने वाले कीटाणुओं को देखकर जल में स्थित बैक्टीरियोफेज तुरंत एक्टिव हो जाते हैं। अजय सोनकर बैक्टीरियोफेज की चिकित्सा क्षमता पर भी अध्ययन कर चुके हैं। बता दें कि हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके मुताबिक प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर पानी की गुणत्ता स्नान के लिए तय मानको के अनुरुप नहीं है। इसके बाद से विपक्ष ने हंगामा कर दिया।