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Bat coronavirus China: अभी कुछ ही बरस पहले कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. चीन से निकला यह वायरस इंसान से इंसान में फैलते हुए लाखों जिंदगियों को लील गया. अब चीन में ही एक और नए कोरोना वायरस की खोज हुई है जिसे HKU5-CoV-2 नाम दिया गया है. यह वायरस भी चमगादड़ों में पाया गया है और इसमें इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता हो सकती है. इस नई खोज ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है. कुछ लोग इसे चमगादड़ कोरोना वायरस कह रहे हैं.
चीन में खोजा गया नया वायरस
असल में चीन के वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस की खोज की है जो इंसानों में संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक HKU5-CoV-2 वायरस वही मानव रिसेप्टर (ACE2) इस्तेमाल करता है जिसे कोविड-19 का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 ने किया था. इस खोज का नेतृत्व प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली ने किया, जिन्हें ‘बैटवुमन’ के नाम से जाना जाता है.
फ्लू जैसे HMPV के मामलों में भी उछाल
इस नई खोज से पहले चीन में फ्लू जैसे लक्षण वाले मानव मेटापन्यूमोवायरस HMPV के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई थी जिससे कोविड जैसी महामारी का डर फिर सताने लगा था. सोशल मीडिया पर अस्पतालों में भीड़भाड़ की तस्वीरें वायरल हो रही थीं लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि HMPV नया नहीं है और यह सर्दियों के मौसम में आमतौर पर फैलता रहता है. हालांकि इस वायरस को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है.
कहां से आया और कितना खतरनाक?
HKU5-CoV-2 वायरस चमगादड़ों से आया है. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह इंसानों में किसी अन्य पशु के माध्यम से भी आ सकता है. यह वायरस मर्स (MERS) वायरस के ही एक उपवंश से संबंधित है जो पहले भी घातक साबित हो चुका है. वैज्ञानिकों ने इस वायरस के मानव कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता को लेकर चिंता जताई है. लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह इंसानों के बीच कितनी तेजी से फैल सकता है.
वैज्ञानिकों की चेतावनी.. सतर्कता की जरूरत
ग्वांगझू लैबोरेटरी ग्वांगझू एकेडमी ऑफ साइंसेज, वुहान यूनिवर्सिटी और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इस वायरस पर अध्ययन किया है. उनकी रिपोर्ट हाल ही में ‘सेल’ नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित हुई है. वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि HKU5-CoV-2 इंसानों को संक्रमित कर सकता है. इसलिए इस पर आगे और शोध करने की जरूरत है. इस नए वायरस के फैलने की संभावनाओं को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निगरानी और सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता है.