

कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती हुई, जिसमें 24 कैरेट सोने की 6,600 ईंटें पार कर दी गईं। 21 महीने से कनाडा की पुलिस पूरी दुनिया की खाक छान रही है और इसमें शामिल एक आरोपी अपनी पत्नी के साथ आराम से चंडीगढ़ में रह रहा है।
सवाल-1: कनाडा में सोने की सबसे बड़ी डकैती कैसे हुई?
जवाबः तारीख 17 अप्रैल 2023। कनाडा के समय के अनुसार दिन के 3 बजकर 56 मिनट पर स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख शहर से आ रही एक फ्लाइट कनाडा के टोरंटो शहर के पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लैंड हुई।
इस फ्लाइट से शुद्ध सोने की 6,600 ईंटें और लगभग 2.5 मिलियन डॉलर (21 करोड़ रुपए से ज्यादा) की फॉरेन करेंसी लाई गई। सोने का कुल वजन करीब 400 किलो था, जिसकी कीमत 173 करोड़ रुपए थी। कैश को वेंकुवर के ‘बुलियन एंड करेंसी एक्सचेंज’ और सोने को टोरंटो के TD बैंक में जमा किया जाना था। सोने और कैश को एयरपोर्ट के कार्गो कंपाउंड में रखा गया।
कनाडा पुलिस के मुताबिक, वारदात के दिन 5 बजकर 50 मिनट तक सोने वाला कंटेनर कार्गो फैसिलिटी में ही था।
शाम 6 बजकर 23 मिनट पर एक 5 टन का बड़ा ट्रक फैसिलिटी के बाहर पार्क किया गया। इस ट्रक से एक फर्जी एयरवे बिल के साथ एक शख्स वेयरहाउस में दाखिल हुआ। सीसीटीवी में कैद हुए इस शख्स के हाथ में ये बिल देखा जा सकता है।
ये बिल असल में सीफूड यानी समुद्री मछलियों की डिलीवरी के लिए था। जिन्हें एक दिन पहले ही कार्गो वेयरहाउस से ले जाया जा चुका था। कनाडा पुलिस के मुताबिक, असल में एयरपोर्ट के अंदर के एक आदमी ने प्रिंटर से पुराना बिल निकालकर इसे दूसरे बिल से बदल दिया था।
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, शाम 7 बजकर 4 मिनट पर ट्रक का ड्राइवर वेयरहाउस में उस सोने वाले कार्गो के पास पहुंचा। 7 बजकर 27 मिनट पर कार्गो को उठाकर ट्रक में लोड किया गया और अगले 3 मिनट में ट्रक वेयरहाउस से चला गया।
फ्लाइट लैंड होने के नहज साढ़े तीन घंटे में 400 किलो सोने की चोरी को अंजाम दिया जा चुका था।
करीब साढ़े 9 बजे जब एक सिक्योरिटी कंपनी का असली ट्रक सोने वाला कार्गो लेने एयरपोर्ट पहुंचा, तो पता चला कि सोना तो पहले ही गायब हो चुका है। सुबह 2 बजकर 23 मिनट पर एयर कनाडा ने कनाडा पुलिस को फोन करके वारदात की सूचना दी।
क्लेटेन कास्टलिनो टोरंटो में कस्टम्स क्लियरेंस बिजनेस के प्रेसिडेंट हैं। उन्होंने सीबीसी न्यूज से बातचीत में बताया कि कार्गो फैसिलिटी से कोई कार्गो ले जाने के लिए सिर्फ 2 चीजों की जरूरत होती है- कार्गो भेजने वाले की तरफ से एक लेटर और एक एयरवे बिल। इस बिल पर सही बिल नंबर होना चाहिए। चोरों के पास दोनों दस्तावेज थे। क्लेटेन के मुताबिक इनकी ठीक से जांच नहीं की गई।
सवाल-2: डकैती की जांच में क्या सुराग हाथ लगे, कैसे पकड़ में आए आरोपी?
जवाबः कनाडा में पुलिस महीनों सोना चोरी करने वाले ट्रक ड्राइवर की खोजबीन में जुटी रही। इधर 2 सितंबर 2023 को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में हाइवे पर एक निसान गाड़ी पकड़ी गई। गाड़ी से मोजों में भरी हुई कुछ बंदूकें मिलीं। इस गाड़ी को चलाने वाला एक कनाडियन नागरिक था। नाम था- डुरंटे किंग मैक्लीन।
पेंसिल्वेनिया की पुलिस के मुताबिक, 23 अप्रैल 2023 को मैक्लीन ने हथियार खरीदकर कनाडा लाने के बारे में प्रसाद परमलिंगम नाम के एक आदमी से बात की थी। प्रसाद ने न्यूयॉर्क में मैक्लीन को पैसे दिए। मैक्लीन कई हफ्ते फ्लोरिडा के एक होटल में रुका, यहां उसने बंदूकें खरीदीं। इसके बाद उसे पेंसिल्वेनिया में गिरफ्तार कर लिया गया।
इधर कनाडा की पुलिस को भी ट्रक ड्राइवर की गलती से एक अहम सुराग मिल गया था।
वो एक गलती जिससे सोना चुराने वाला ट्रक ड्राइवर पकड़ा गया
कनाडा पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से ट्रक के एयरपोर्ट से निकलने के बाद उसे कई जगह स्पॉट किया था। ट्रक की आखिरी फुटेज एक स्थानीय चर्च के सीसीटीवी कैमरे से मिली। इसके बाद ट्रक एक ग्रामीण इलाके में पहुंच गया, जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। ड्राइवर ट्रक को कनाडा से अमेरिका ले गया और लंबे समय तक वहीं रहा।
हालांकि ड्राइवर ने कनाडा एयरपोर्ट पर एक बड़ी गलती कर दी थी। जब वो सोने वाला कार्गो उठाने गया था तो उसने अपने दाएं हाथ का दस्ताना उतारा था। इससे उसके फिंगरप्रिंट्स उस फर्जी एयरवे बिल पर छूट गए। इन्हीं फिंगरप्रिंट्स के चलते ड्राइवर की पहचान हुई। ये ड्राइवर कोई और नहीं बल्कि डुरंटे किंग मैक्लीन था। वही मैक्लीन, जिसे पेंसिलवेनिया में पकड़ा गया था।
मैक्लीन (बाएं) जब ट्रक लेकर एयरपोर्ट पहुंचा तब उसके हाथ में फर्जी बिल था। (फोटो सोर्स- कनाडा पुलिस)
कनाडा की पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच को ‘प्रोजेक्ट 24 कैरेट’ नाम दिया है। मैक्लीन के जरिए पुलिस को 8 अन्य संदिग्धों के बारे में पता चला। मूल रूप से साउथ एशियाई देशों के रहने वाले इन सभी लोगों ने मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया था।
सवाल-3: डकैती का 400 किलो सोना और पैसे कहां गए?
जवाबः जांच रिपोर्ट के मुताबिक, एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल से निकलने के बाद ट्रक कनाडा में करीब एक महीने तक इधर से उधर घूमता रहा। पुलिस को जांच में दो लिस्ट्स भी मिलीं, जिनके आधार पर पुलिस ने कहा कि पैसा आरोपियों ने आपस में बांट लिया और कुछ सोना पिघलाकर बेचा गया और उससे जो पैसे मिले उसका इस्तेमाल बंदूकें खरीदने में किया गया, जबकि सोने का बड़ा हिस्सा दुबई या फिर भारत भेजा गया है।
‘ऑन द ट्रेल ऑफ अफ्रीकन गोल्ड’ नाम की स्विट्जरलैंड की एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में अफ्रीका से 66% यानी करीब 405 टन सोना गैरकानूनी तरीके से दुबई में आया। 2023 में अलजजीरा ने भी अपनी एक इन्वेस्टिगेशन में कहा था कि स्मगलर्स अपना सोना दुबई में छिपाते हैं।
कनाडा पुलिस ने अब तक 3.6 करोड़ रुपए की रकम और करीब 76 लाख रुपए कीमत के 6 सोने के कंगन बरामद किए हैं। इसके अलावा, सोना पिघलाने में इस्तेमाल किए गए बर्तन, ढलाई के काम आने वाले कुछ टूल्स और कुछ सांचे बरामद किए हैं।
पुलिस ने बरामद हुए सोने के कंगन और पैसे के अलावा सोना पिघलाने के इस्तेमाल में आने वाले टूल्स भी बरामद किए, जिनका कनेक्शन अली राजा से था।
सीबीसी न्यूज ने अली राजा का इंटरव्यू किया। उसने खुद चोरी में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि इतना सोना उसकी रिफाइनरी में नहीं पिघलाया जा सकता। हालांकि जांच रिपोर्ट कहती है कि चोरी के बाद जलोटा और अली राजा के बीच 28 बार मैसेज पर बात हुई। सारा सोना अली राजा और दूसरे कारोबारियों को बेचा गया। उन्होंने कीमत गिरने के बाद भी एक दिन पहले की बढ़ी कीमतों पर सोना खरीदा। हालांकि अली राजा का कहना था कि जलोटा सिर्फ उसका एक कस्टमर था।
टॉप डॉग अर्सलान चोरी का मास्टरमाइंड, अब तक पकड़ से बाहर
जांच के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, इस पूरी चोरी का मास्टरमाइंड अर्सलान चौधरी उर्फ सनी चौधरी है। संदिग्धों ने आपस में बातचीत के दौरान उसे ‘टॉप डॉग’ कहा है। अर्सलान ने भी मैक्लीन को अमेरिका जाने और वहां हथियार खरीदने में मदद की। उसने चोरी के दिन दूसरे संदिग्धों को 800 से ज्यादा बार कॉल की और व्हाट्सएप पर भी बात की। वहीं अर्सलान को सोने की सारी जानकारी सिमरन ने दी थी।
इसके अलावा पुलिस को अर्सलान के मिसिसॉगा स्थित घर से एक लिस्ट मिली थी। लिस्ट में दुबई के आगे लिखा था – 2,20,000 डॉलर। फिलहाल अर्सलान दुबई में छिपा हुआ है। कनाडा और UAE के बीच अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए कोई संधि नहीं है।
सवाल-4: इस डकैती में सिमरनप्रीत की क्या भूमिका थी?
जवाबः दरअसल सिमरन प्रीत सिंह पियर्सन एयरपोर्ट पर ऑपरेशंस कंट्रोल डिपार्टमेंट में सुपरवाइजर था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, चोरी की बात सामने आने के बाद पुलिस एयरपोर्ट पहुंची तो सिमरन ही पुलिस को कार्गो कंपाउंड में लेकर गया। पुलिस अधिकारियों को तभी उसके हाव-भाव देखकर उस पर शक हो गया।
रिपोर्ट में लिखा है, ‘जब सिमरन पुलिस ऑफिसर्स को एरिया दिखा रहा था, तब वह बीमार सा लग रहा था। वह घबराया हुआ था, उसे पसीना आ रहा था। ये अजीब था।’
पुलिस ऑफिसर्स के मुताबिक, सिर्फ सिमरन ही एयरपोर्ट पर आने वाले कीमती सामान की तलाशी ले सकता था। चोरी के एक दिन बाद सिमरन ने अपने साथ काम करने वाले एक शख्स को मैसेज किया, ‘मैं कुछ दिनों के लिए इससे दूर रहने के लिए इंडिया जा रहा हूं।’
पुलिस को पता था कि सिमरन कनाडा छोड़ने वाला है। लेकिन उसे गिरफ्तार करने से बाकी संदिग्ध सतर्क हो सकते थे। इसलिए पुलिस ने उसे शुरू में नहीं पकड़ा। सिमरन ने चोरी के करीब तीन महीने बाद नौकरी से इस्तीफा देकर कनाडा छोड़ा।
इसके बाद पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू की। सिमरन कनाडा छोड़कर भारत आ गया था। फिलहाल वह अपनी पत्नी के साथ मोहाली में रह रहा है।