100 करोड़ हिंदुओं के सामने मोदी ने जोड़ लिए हाथ, बोले पीएम कोई कमी रह गई हो तो कर देना माफ़..

100 करोड़ हिंदुओं के सामने मोदी ने जोड़ लिए हाथ, बोले पीएम कोई कमी रह गई हो तो कर देना माफ़..प्रयागराज। महाशिवरात्रि के स्नान के साथ ही 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो गया है। 13 जनवरी को शाही स्नान से शुरू हुए आस्था के इस संगम में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। यह मेला दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ के समापन के बाद सबसे माफ़ी मांगी है।

मैं क्षमाप्रार्थी हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ के समापन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा है कि मैं जनता हूं इतना बड़ा विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से, यमुना से और मां सरस्वती से…हे मां हमारी आराधना में कोई कमी रह गई हो तो क्षमा कीजिएगा। जनता-जनार्दन मेरे लिए ईश्वर के स्वरुप हैं। श्रद्धालुओं की सेवा में अगर हमसे कोई कमी रह गई हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं।

योगी की तारीफ

प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में सीएम योगी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के सांसद होने के नाते मैं उनका आभारी हूं। उनके नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर इस महाकुंभ को सफल बनाया। केंद्र हो या राज्य वहां कोई शासक नहीं था। हर कोई श्रद्धा भाव से भरा हुआ था। बीते 45 दिन, प्रतिदिन, मैंने देखा, कैसे देश के कोने-कोने से लाखों-लाख लोग संगम तट की ओर बढ़े जा रहे हैं। संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार, लगातार बढ़ता ही रहा। हर श्रद्धालु बस एक ही धुन में था- संगम में स्नान। मां गंगा, यमुना, सरस्वती की त्रिवेणी हर श्रद्धालु को उमंग, ऊर्जा और विश्वास के भाव से भर रही थी।

हैरान है पूरी दुनिया

पीएम ने आगे लिखा है कि आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण भी नहीं है। पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक नदी तट पर, त्रिवेणी संगम पर इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों की संख्या में लोग जुटे। इन करोड़ों लोगों को ना औपचारिक निमंत्रण था, ना ही किस समय पहुंचना है, उसकी कोई पूर्व सूचना थी। बस, लोग महाकुंभ चल पड़े…और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए।

 

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