देहरादून : उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से कई मजदूर अभी भी दबे हुए हैं, जबकि कुछ मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया है। मजदूरों को बचाने के लिए आईटीबीपी और बीआरओ लगे हुए हैं। मौके पर सेना के जवान भी मौजूद हैं। राहत-बचाव का सेना ने वीडियो भी जारी किया है। उधर, इस पूरी घटना और राहत कार्यों के बीच एक सवाल यह भी उठ रहा है कि मौसम विभाग की भारी बर्फबारी की चेतावनी के बावजूद यहां काम कर रही कंपनी ने मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखा ?
टेंट में थे मजदूर
चमोली जनपद के माणा गांव के पास बीआरओ द्वारा 50 किलोमीटर क्षेत्र में हाईवे चौड़ीकरण डामरीकारण का कार्य कराया जा रहा है। यहां EPC कंपनी के माध्यम से बीआरओ काम करवा रहा है। हाइवे को चौड़ा-डमरीकरण के काम में कंपनी के मजदूर लगे हुए हैं। यह मजदूर वहीं पर टेंट लगाकर रह रहे थे।
हिमस्खलन हुई घटना
यह घटना देर रात हुई है जिसके कारण 57 मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आकर डाब गए। सुबह या दिन के समय घटना हुई होती तो मजदूरों की जान बचने का मौका मिला सकता था।
Uttarakhand: चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद भारतीय सेना ने प्रभावित क्षेत्र में बचाव अभियान चलाया.#Avalanche #uttarakhandnews #uttarakhandsnowfall #badrinath #Chamoli #RajnathSingh #indianarmy #InKhabar #LatestNews
— InKhabar (@Inkhabar) February 28, 2025
सेना ने जारी किया वीडियो
सीमा सड़क संगठन कैंप के पास हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे 15 मजदूरों को दोपहर तक बचा लिया गया, जबकि कई मजदूर अभी भी बर्फ में दबे हुए हैं। उनके लिए बचाव कार्य जारी है। हनुमान चट्टी से आगे हाईवे बंद है। जिसके कारण एसडीआरएफ की टीम को आगे बढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सेना ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सेना के जवान बर्फबारी में मजदूरों का रेस्क्यू कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें :-