राधा स्वामी ब्यास संगत के लिए बड़ी खबर! बदला सत्संग का समय, जानें नई टाइमिंग

राधा स्वामी डेरा ब्यास न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करता है, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। सत्संग समय में बदलाव संगत को बेहतर सुविधा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही, VIP कल्चर समाप्त कर समानता को बढ़ावा देना और प्राकृतिक आपदा एवं बीमारियों से प्रभावित लोगों की सहायता करना डेरा ब्यास की सेवा भावना को दर्शाता है।

राधा स्वामी ब्यास संगत के लिए बड़ी खबर! बदला सत्संग का समय, जानें नई टाइमिंग

राधा स्वामी डेरा ब्यास की संगत के लिए एक अहम सूचना सामने आई है। मार्च महीने से सत्संग का समय बदला जा रहा है। 1 मार्च से सत्संग सुबह 9:30 बजे से आरंभ होगा, जबकि पहली घंटी 9:15 बजे और दूसरी घंटी 9:30 बजे बजेगी। इससे पहले सत्संग का समय 10 बजे निर्धारित था। इस परिवर्तन का उद्देश्य संगत को अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी ढंग से आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करना है।

डेरा ब्यास में VIP कल्चर समाप्त

राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने पहले ही डेरे में VIP कल्चर को समाप्त कर दिया था। यह निर्णय संगत में सभी श्रद्धालुओं को समानता प्रदान करने और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया था। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी व्यक्ति को विशेषाधिकार प्राप्त न हो और सभी भक्त समान रूप से सत्संग का लाभ उठा सकें। डेरा ब्यास के इस कदम को श्रद्धालुओं द्वारा खूब सराहा गया है।

प्राकृतिक आपदा में राहत कार्य

जब भी देश के किसी हिस्से में प्राकृतिक आपदा आती है, तो राधा स्वामी सत्संग ब्यास तत्परता से मदद के लिए आगे आता है। चाहे बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई अन्य आपदा, डेरा ब्यास के सेवादार प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित करने में हमेशा अग्रणी रहते हैं। भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय की व्यवस्था करना डेरा ब्यास की प्रमुख सेवाओं में शामिल है। यह सेवा निःस्वार्थ भाव से की जाती है, जिससे हजारों जरूरतमंदों को राहत मिलती है।

टी.बी. मरीजों के लिए पोषण सेवा

वर्तमान में अमृतसर जिले में करीब 6,000 टी.बी. मरीजों को राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा प्रोटीन युक्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। डेरा ब्यास के सेवादारों द्वारा शुद्ध और संतुलित आहार तैयार किया जाता है, जिसे पैक लंच के रूप में मरीजों तक पहुँचाया जाता है। इस सेवा का उद्देश्य जरूरतमंद मरीजों को पोषण देकर उनके स्वास्थ्य में सुधार लाना है। भोजन वितरण में कोई भेदभाव नहीं किया जाता, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी रोगियों को समान रूप से लाभ मिले।

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