

World Bank: विश्व बैंक ने कहा है कि यदि भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महारत हासिल कर ले और उसे कुशलता से बनाए, तो वह चीन से भी कम लागत पर इसका उत्पादन कर सकता है. विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कोउमे का कहना है कि भारत के पास एक बड़ा श्रमबल है, जो उसे वैश्विक बाजार में एक प्रतिस्पर्धी बढ़त देता है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देशों की आर्थिक वृद्धि होती है, उनकी तुलना में अन्य कम लागत वाले देशों को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलती है. ऐसे में अगर भारत किसी भी टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कर ले और उसे बड़े पैमाने पर उत्पादन करे, तो वह चीन से भी सस्ती दरों पर उत्पाद बेच सकता है और वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत जगह बना सकता है.
ग्रीन टेक्नोलॉजी में बढ़िया अवसर
तानो कोउमे के अनुसार, ग्रीन टेक्नोलॉजी भारत के लिए एक बड़ा अवसर है. भारत में पहले से ही ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ रही है. यदि भारत इस क्षेत्र में तेजी से खुद को तैयार करे, तो वह न केवल अपनी घरेलू जरूरतें पूरी कर सकता है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी खुद को एक अग्रणी आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित कर सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत को इस पर भरोसा रखना चाहिए कि उसके अच्छे व्यापारिक रिश्ते कई देशों से हैं. अगर भारत कम लागत पर उत्पादन कर सकता है और कुशलता से मैन्युफैक्चरिंग कर सकता है, तो यह एक बड़ा निर्यातक बन सकता है.”
अवसर के साथ चुनौतियां भी
हालांकि, भारत को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसके साथ ही अधिक नौकरियों की जरूरत भी बढ़ रही है. अगर पर्याप्त रोजगार के अवसर नहीं बने, तो यह देश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक समावेश के लिए एक बड़ी बाधा बन सकता है.
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि दर्ज की है. कोउमे के अनुसार, बीते 3-4 वर्षों में भारत की औसत वृद्धि दर 7% से अधिक रही है, जो कठिन वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद मजबूत रही है.