लाड़ली बहना योजना के तहत फिलहाल 1.26 करोड़ महिलाओं को हर महीने 1,250 रुपये मिलते हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव इस राशि को 3,000 रुपये करने की बात कह चुके हैं। संभावना है कि वूमेंस डे 2025 पर या बजट 2025 में इस पर आधिकारिक घोषणा हो सकती है। कांग्रेस भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी कर रही है।

पूरी दुनिया में हर साल 8 मार्च को वूमेंस डे (Women’s Day 2025) के रूप में मनाया जाता है। महिलाओं के लिए यह दिन बेहद खास माना जाता है, और इसी को देखते हुए मध्यप्रदेश की 1.26 करोड़ महिलाओं को मिलने वाली लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) की राशि बढ़ाए जाने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। हालाँकि, सरकार की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि मार्च महीने में मिलने वाली 22वीं किस्त में इस योजना की राशि में वृद्धि हो सकती है।
क्या वूमेंस डे पर मिलेगा बड़ा तोहफा?
मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए वूमेंस डे 2025 बेहद खास हो सकता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहले ही कई बार घोषणा कर चुके हैं कि बहनों की राशि जल्द ही बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रतिमाह कर दी जाएगी। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि महिला दिवस के अवसर पर सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। यदि ऐसा नहीं होता, तो सरकार बजट 2025 में इस योजना को लेकर कोई बड़ी सौगात दे सकती है।
बजट 2025 में हो सकती है राशि बढ़ाने की घोषणा
मार्च में मध्यप्रदेश सरकार का बजट पेश होने वाला है, और ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस मौके पर लाड़ली बहनों की राशि बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव लगातार इस योजना को लेकर प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं और कई बार कह चुके हैं कि इसे 2,500 रुपये से 3,000 रुपये तक किया जाएगा।
कांग्रेस भी उठाएगी विधानसभा में मुद्दा
कांग्रेस भी इस मुद्दे पर लगातार सक्रिय बनी हुई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कई बार सरकार को याद दिलाया है कि लाड़ली बहनों की राशि को 3,000 से 5,000 रुपये तक किया जाए। इसके अलावा, आगामी विधानसभा बजट सत्र में भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है।
लाड़ली बहना योजना का सफर
लाड़ली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) की शुरुआत साल 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। शुरुआत में इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती थी। इसके बाद सरकार ने इसे बढ़ाकर 1,250 रुपये कर दिया। अब वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव इसे और बढ़ाकर 3,000 रुपये करने की बात कर रहे हैं।