2 हजार के नोट के बाद अब 200 रुपये के नोट पर RBI की नजर, बाजार से हटाए 137 करोड़ रुपयें

2 हजार के नोट के बाद अब 200 रुपये के नोट पर RBI की नजर, बाजार से हटाए 137 करोड़ रुपयें

Himachali Khabar : (Reserve Bank of India) भारतीय करेंसी को लेकर आरबीआई द्वारा समय-समय पर अपडेट जारी किए जाते हैं। बीते कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने ₹2000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। 2000 रुपये के नोट को बंद करने का एक कारण यह था कि इससे काले धन को कम किया जा सकता था।

बड़े नोटों का उपयोग अक्सर काले धन को छिपाने के लिए किया जाता था। आपको बता दे कि अभी 2,000 रुपये के सभी नोट वापस पहुंचे भी नहीं थे कि 200 रुपये के नोट (Rs 200 Currency )भी हटाने शुरू कर दिए खबर है कि रिजर्व बैंक ने बाजार से 200 रुपये के करीब 137 करोड़ मूल्‍य के नोट हटा लिए हैं रिजर्व बैंक ने ये सभी कार्यवाई पिछले 6 महीने में पूरी की है ऐसे में आम आदमी के मन में ये सवाल उठने लगे हैं कि 200 रुपये के नोट पर यह संकट आखिर क्‍यों आ गया है।

अरे, घबराइये नहीं रिजर्व बैंक ने न तो 200 रुपये के नोट को बंद किया है और न ही उसकी ऐसी कोई मंशा है दरअसल, बाजार से नोट वापस मंगाने की वजह (Reason for recalling notes)इन नोटों की खराब हालत है रिजर्व बैंक ने अपनी छमाही रिपोर्ट में बताया है कि इस बार सबसे ज्‍यादा खराबी 200 रुपये के नोट पर दिखी इस कारण से बाजार से 137 करोड़ मूल्‍य के नोटों को वापस मंगाना पड़ा इन नोटों में कुछ सड़ी-गली हालत में थे तो कुछ को लिखे होने की वजह से चलन से बाहर करना पड़ा।

पिछले साल 135 करोड़ पर चला था डंडा 

रिजर्व बैंक (rbi latest updates)ने पिछले साल भी 135 करोड़ मूल्‍य के 200 रुपये के नोट को चलन से बाहर किया था तब भी इसकी वजह इन नोटों का गंदा, फटा और सड़ा-गला होना था हालांकि, अगर मूल्‍य के लिहाज से देखा जाए तो खराब हुई नोटों में सबसे बड़ी संख्‍या 500 रुपये की है बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि 2000 रुपये के नोट बंद होने के बाद 200 के नोटों का इस्‍तेमाल बढ़ा है यही वजह है कि इस बार 200 की करेंसी बड़ी संख्‍या में खराब हुई और वापस मंगाई गई।

500 के नोटों पर सबसे ज्‍यादा गाज (RBI latest updates)

रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सबसे ज्‍यादा खराब नोट 500 रुपये के सामने आए हैं पिछले वित्‍तवर्ष में 500 की करेंसी के करीब 633 करोड़ रुपये मूल्‍य के नोट बाजार से वापस मंगाए गए इन नोटों को खराब होने या कटे-फटे होने की वजह से वापस लिया गया हालांकि, चालू वित्‍तवर्ष की पहली छमाही में देखें तो पिछले साल के मुकाबले 500 के नोटों की संख्‍या 50 फीसदी तक ही दिखी, जबकि 200 के नोटों की संख्‍या 110 फीसदी हो गई है।

छोटे नोटों पर भी बड़ा शिकंजा

आरबीआई की रिपोर्ट (RBI report)कहती है कि खराब हुए नोटों में सिर्फ बड़ी करेंसी ही शामिल नहीं, बल्कि छोटे नोटों की संख्‍या भी काफी है 5 रुपये के ही 37 करोड़ नोट हटाए गए तो 10 रुपये के 234 करोड़ मूल्‍य के नोट हटा दिए गए इसी तरह, 20 के 139 करोड़, 50 के 190 करोड़ और 100 के 602 करोड़ मूल्‍य के नोटों को बाजार से वापस मंगा लिया गया है।
 

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