

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 27 फरवरी को एक मीटिंग के दौरान भाजपा पर जमकर निशाना साधा था. इतना ही नहीं, उन्होंने चुनाव आयोग पर भी कई गंभीर आरोप लगाए थे. ममता ने कहा था कि बीजेपी चुनाव आयोग की मदद से अन्य राज्यों से फर्जी वोटरों को बंगाल की वोटर लिस्ट में शामिल कर रही है. इसे लकेर उन्होंने चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की भी चेतावनी दी थी. टीएमसी नेता के इस बयान के बाद से ही कोलकाता से लेकर दिल्ली सियासत गरमा हुई है. अब बंगाल बीजेपी ने सीएम ममत बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता के बयान को लेकर निर्वाचन आयोग को लेटर लिखा है. बीजेपी नेता ने इस बारे में शुक्रवार को कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की ‘ईमानदारी’ पर सवाल उठाया है. इसे लेकर निर्वाचन आयोग को लेटर लिखा है.
ममता ने राज्य में सभी संवैधानिक निकायों को निष्क्रिय कर दिया: शुभेंदु
भाजपा नेता ने कहा कि किसी अफसर की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता अगर उसने अपनी नौकरी के तहत किसी स्पेशल डिपार्टमेंट या मंत्रालय में काम किया हो. बीजेपी नेता शुभेंदु ने कहा, ‘उन्होंने (बनर्जी ने) राज्य में सभी संवैधानिक निकायों को निष्क्रिय कर दिया है और अब मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठा रही हैं, जो पारदर्शी तरीके से की गई है.’ पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अफसर(सीईओ) को एक अन्य पत्र सौंपने के बाद बीजेपी नेता शुभेंदु ने दावा किया कि बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कुमार की ‘ईमानदारी’ पर सवाल उठाया है.
ममता का क्या है पूरा बयान?
ममता बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर चिंता जताते हुए आरोप लगाया था कि भाजपा संवैधानिक निकाय पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रही है. कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने भाजपा पर निर्वाचन आयोग के कथित समर्थन से अन्य राज्यों के फर्जी वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी.
बीजेपी नेता ने क्या कहा?
वहीं, बीजेपी ने कहा कि प्रभारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष यह मांग भी रखी गई है कि जिलों में सभी सीनियर अफसरों के साथ एक डिजिटल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए और उन्हें यकीन दिलाया जाए कि वे बिना किसी डर के स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त रिटर्निंग अधिकारियों और अन्य निर्वाचन अधिकारियों की ईमानदारी के बारे में निराधार आरोप लगाए हैं.’ विपक्ष के नेता ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया से संबंधित मामलों में निर्वाचन आयोग सर्वोच्च प्राधिकारी है और जिलों में सभी अफसरों को निडरता और ईमानदारी से काम करना चाहिए.
ममता ने वोटर लिस्ट का सत्यापन शुरू करने का दिया निर्देश
तृणमूल चीफ द्वारा पार्टी नेताओं से वोटर लिस्ट्स का सत्यापन करने को कहने पर बीजेपी नेता अधिकारी ने कहा कि किसी सियासी पार्टी को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई हक नहीं है. भाजपा पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं को वोटर लिस्ट का भौतिक सत्यापन शुरू करने का निर्देश दिया और आरोप लगाया कि भाजपा ने ‘भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के समर्थन’ से इसमें हेरफेर किया है.
बीजेपी नेताओं ने सौंपा ज्ञापन, की ये मांग
बीजेपी नेता अधिकारी के नेतृत्व में राज्य भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को सीईओ को इस मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित एक लिखित ज्ञापन सौंपा. भाजपा नेताओं ने ज्ञापन में मांग की कि आयोग को बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वोटर लिस्ट्स से जुड़ी किसी भी गतिविधि में किसी आउटसोर्स एजेंसी का इस्तेमाल न किया जाए. उन्होंने कहा, ‘हमने सीईओ से कहा है कि किसी भी हिंदी भाषी या मतुआ समुदाय के नागरिक का नाम अवैध रूप से वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जाना चाहिए.’ भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में वोटर लिस्ट में 16 लाख नागरिकों के नाम दोहरी प्रविष्टियां हैं. उन्होंने मांग की कि इन प्रविष्टियों को तुंरत ठीक किया जाए.