केजरीवाल का छूटा सामान विधानसभा में प्रवेश वर्मा को मिला, हाथ में लेकर कसने लगे तंज..

Kejriwal's leftover luggage was found by Pravesh Verma in the Vidhan Sabha, he took it in his hand and started taunting himKejriwal's leftover luggage was found by Pravesh Verma in the Vidhan Sabha, he took it in his hand and started taunting him

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमले किए। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने हाथ में एक पेन लेकर अरविंद केजरीवाल पर खूब तंज कसा। प्रवेश वर्मा ने कहा कि उन्हें यह पेन ड्रॉवर में मिला जो अरविंद केजरीवाल का था और वहां छूट गया होगा। उन्होंने कहा कि वह अपनी शर्ट पर 5 रुपए का पेन लगाकर घूमते थे लेकिन महल ऐसा बनवाया जैसे किसी दुबई के शेख का हो।

प्रवेश वर्मा ने उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इस बीच हाथ में एक पेन लेकर कहा, ‘आज सुबह मैं जब आया तो नीचे दराज में देखा यह पेन पड़ा हुआ था। जो वह अपनी शर्ट पर लगाकर घूमते थे। इसी चेयर पर बैठते थे, शायद भूल गए। यह मैं आपको दूंगा, बाद में पहुंचा दीजिएगा। वह पेन लगाते थे 5 रुपए का और आप यदि महल देखेंगे उनका तो लगेगा दुबई के शेख का… एक ऐसा महल है।’

नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा ने आगे कहा, ‘हमारी सरकार बनी तो मुख्यमंत्री जी ने कार्यालय के दरवाजे खोले। मीडिया ने कहा कि पहली बार हम यहां आए हैं, कर्मचारियों ने कहा कि पहली बार आए हैं। हमारे विधायकों ने कहा कि पहली बार यहां आए हैं। जिसका कार्यालय करोड़ों का बना है वह आदमी यह 5 रुपए का पेन लगाकर और शर्ट का बटन डेढ़ा-मेढ़ा लगाकर, वह करोड़ों रुपए खर्च करता था।’

प्रवेश वर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बच्चों की झूठी कसम खाई, मां यमुना की झूठी कसम खाई और चुनाव के दिन बूढ़े मां-बाप को भी नहीं छोड़ा। उनके पिता जी तो चलते फिरते आदमी हैं। हमें एक चैनल ने बताया कि जब वो व्हिल चेयर पर लेकर जा रहे थे तो उससे 10 मिनट पहले ही उन्होंने चैनल को इंटरव्यू दिया। केजरीवाल अपने मां-बाप को भी मार्केटिंग करने से नहीं छोड़ता है। उनको व्हिल चेयर पर लेकर गया ताकि सहानुभूति मिले। सड़कें बना दी होंती, सीवर लाइन ठीक कर दिए होते, यमुना साफ कर दी होती तो झूठी कसमें, मार्केटिंग की जरूरत नहीं पड़ती। शीशमहल बनाना, आलीशान ऑफिस बनाना, महंगी गाड़ियों और चार्टर्ड प्लेन में घूमना।

प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘क्या जरूरत थी ऐसा महल बनाने की। दिल्ली का विकास 10 साल से होर्डिंग पर चढ़ गया था। होर्डिंग से सड़क पर नहीं उत रहा था। 500 करोड़ रुपए होर्डिंग, 500 करोड़ रुपए विज्ञापन, 500 करोड़ रुपए चैनल, 500 करोड़ रुपए अखबार। हमारी सरकार का संकल्प है कि उसको होर्डिंग से उतारकर सड़कों पर लेकर आएंगे। दिल्ली की सड़कों पर विकास दिखाई देगा।’

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