नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 1 अप्रैल 2025 से 15 साल या उससे अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। यह फैसला राज्य के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को घोषित किया। सरकार जल्द ही इस फैसले की जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को भेजेगी, ताकि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
कैसे होगी पुरानी गाड़ियों की पहचान?
सरकार पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगाएगी, जो पुराने वाहनों की पहचान करेंगे। इस नियम के तहत, न केवल दिल्ली में चल रही पुरानी गाड़ियों पर रोक लगेगी, बल्कि बाहरी राज्यों से आने वाले 15 साल पुराने वाहनों को भी एंट्री नहीं दी जाएगी। विशेष टीमों का गठन किया जाएगा, जो इन गाड़ियों को ट्रैक कर उन्हें दिल्ली से बाहर करने का काम करेंगी।
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी पूरी तरह इलेक्ट्रिक किया जाएगा। दिसंबर 2025 तक लगभग 90% सीएनजी बसों को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। सरकार का लक्ष्य दिल्ली के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण को स्वच्छ बनाना है।
पुरानी गाड़ी वाले क्या करें
1. री-रजिस्ट्रेशन – दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुरानी गाड़ियों को चलाने की अनुमति नहीं है, लेकिन कुछ अन्य राज्यों में इनका री-रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। अगर आपकी गाड़ी अच्छी स्थिति में है, तो आप इसे दूसरे राज्य में रजिस्टर करवा सकते हैं।
2. गाड़ी को स्क्रैप में दें – पुरानी गाड़ी को स्क्रैप में देने पर एक प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) मिलता है, जो नई गाड़ी खरीदते समय रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में छूट दिलाता है। निजी वाहनों के लिए 25% और व्यावसायिक वाहनों के लिए 15% तक की छूट मिल सकती है।
सरकार का यह फैसला प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि यह उन वाहन मालिकों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, जिनके पास अभी भी पुरानी गाड़ियां हैं और वो नई गाड़ी नहीं खरीद सकते।
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