🔥 Fixed Deposit पर टैक्स से बचना चाहते हैं? सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, जिससे अब ₹50 लाख तक की FD पर टैक्स से छूट मिल सकती है! 💰 जानें कैसे बचें TDS से, किन शर्तों पर मिलेगा फायदा और कौन कर सकता है क्लेम? पूरी डिटेल यहां पढ़ें

जब भारत में निवेश की बात होती है, तो ज्यादातर लोग फिक्स डिपॉजिट (Fixed Deposit – FD) को सबसे सुरक्षित और लाभकारी विकल्प मानते हैं। एफडी स्कीम (FD Scheme) पर अच्छा ब्याज मिलता है, लेकिन इससे होने वाली कमाई पर टैक्स भी देना पड़ता है। हाल ही में सरकार ने नए कर नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे कई निवेशकों को राहत मिलने वाली है। अगर आपकी पूरी इनकम सिर्फ एफडी के ब्याज से हो रही है और वह ₹4 लाख से अधिक नहीं है, तो आपको किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
सरकार की नई टैक्स नीति एफडी में निवेश करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। अगर आपकी पूरी कमाई बैंक के ब्याज से हो रही है और ₹4 लाख से अधिक नहीं है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, सही तरीके से फॉर्म 15G या 15H भरकर आप टीडीएस कटौती से भी बच सकते हैं।
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50 लाख रुपए तक की एफडी पर टैक्स में छूट
सरकार ने नई टैक्स रिजीम (Tax Regime) में ₹4 लाख तक की ब्याज आय को टैक्स-फ्री कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति 50 लाख रुपए तक की फिक्स डिपॉजिट करता है और उसे सालाना 7.75% ब्याज मिलता है, तो यह राशि ₹3,87,500 होगी, जो कि ₹4 लाख से कम है। ऐसे में उसे किसी भी तरह का इनकम टैक्स (Income Tax) नहीं देना पड़ेगा।
ऐसे मिलेगा टैक्स में छूट का लाभ
- अगर आपकी पूरी कमाई सिर्फ बैंक के ब्याज से होती है और वह ₹4 लाख से कम है, तो आपको टैक्स से छूट मिलेगी।
- नई टैक्स रिजीम में ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा, अगर आपकी अन्य कोई इनकम नहीं है।
- यह नियम उन निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद है जो केवल एफडी स्कीम से कमाई करते हैं।
- अगर ब्याज ₹4 लाख से अधिक हो जाता है तो आपको टैक्स देना होगा।
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उदाहरण से समझें
अगर किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपए की एफडी कराई है और बैंक उसे 7.75% सालाना ब्याज देता है, तो सालभर में उसे ₹3,87,500 का ब्याज मिलेगा। यह ₹4 लाख की सीमा से कम है, इसलिए इस पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा।
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TDS कटौती से कैसे बचें?
जब भी बैंक एफडी पर ब्याज देता है, तो वह सरकार के नियमों के अनुसार टीडीएस (TDS – Tax Deducted at Source) काट सकता है। लेकिन अगर आपकी पूरी आय सिर्फ एफडी से हो रही है और वह ₹4 लाख से कम है, तो आप बैंक में एक फॉर्म जमा कर सकते हैं, जिससे टीडीएस नहीं कटेगा।
टीडीएस से बचने के लिए क्या करें?
- Form 15H (सीनियर सिटीजन के लिए): अगर आप 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, तो आपको यह फॉर्म भरना होगा।
- Form 15G (60 साल से कम उम्र वालों के लिए): अगर आपकी आय कर-योग्य सीमा से कम है, तो यह फॉर्म भरकर बैंक में जमा करें।
- फॉर्म जमा करने की समय सीमा: हर साल 1 अप्रैल से पहले बैंक में फॉर्म जमा कर दें, ताकि टीडीएस की कटौती से बचा जा सके।
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टीडीएस कटौती के नए नियम
सरकार ने टीडीएस (TDS) की लिमिट बढ़ा दी है, जिससे आम जनता और सीनियर सिटीजन को लाभ मिलेगा।
- 60 साल से कम उम्र वालों के लिए: अगर ब्याज ₹50,000 से ज्यादा है, तो टीडीएस कटेगा।
- 60 साल से अधिक उम्र वालों के लिए: अगर ब्याज ₹1,00,000 से ज्यादा है, तो टीडीएस कटेगा।
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बैंक एफडी में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी
वर्तमान में बैंक एफडी ब्याज दरें बढ़ी हुई हैं, जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। कई बैंक 7% से 8% तक का ब्याज (Interest Rate on FD) ऑफर कर रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए एफडी एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है, खासकर जब इस पर टैक्स छूट का भी लाभ मिल रहा है।