Himachali Khabar
देश की महिलाओं और बच्चों में खतरनाक हद तक बढ़ चुकी रक्ताल्पता (एनीमिया) की स्थिति को सुधारने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एबीएम (एनीमिया मुक्त भारत अभियान) के तहत सिरसा जिले के गांव भरोखां में सोमवार को संगम स्कूल भरोखां में एक स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया।
इसमें सभी बच्चों का हीमोग्लोबिन, पल्स रेट एवं तापमान चेक किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और समुदाय के लोगों को एनीमिया के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के मु याध्यापक छगन सेठी द्वारा एक प्रेरक भाषण से हुई। उन्होंने छात्रों को एनीमिया के कारणों, लक्षणों और निवारण के बारे में बताया तथा उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया।
मल्टी पर्पज हैल्थ वर्कर सुरजीत कौर ने छात्रों को एनीमिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि एनीमिया के कारण थकान, कमजोरी, सिर दर्द और अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं। जिन बच्चों को अनिमिया था, उन सब को फॉलिक एसिड की टेबलेट दी गई। हाकिम देवी ने छात्रों को बताया कि एनीमिया को रोकने के लिए बच्चों को संतरा, किन्नू, माल्टा, पपीता, चुकंदर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़ तथा गुड़ से बने आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना, नियमित व्यायाम करना और पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एनीमिया का निदान और उपचार समय पर करने से इस बीमारी को रोका जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में, छात्रों ने एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत एक शपथ ली, जिसमें उन्होंने उपरोक्त बताए गए सभी खाद्य पदार्थ खाने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और एनीमिया के बारे में जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर आशा वर्कर मनीषा रानी एवं संगम स्कूल का स्टाफ उपस्थित था।