चीन की रूह कंपा देगा भारत, 3500 करोड़ में भूटान के अंदर तक बनाएगा नई रेल लाइन..

India will give China a shock, it will build a new railway line inside Bhutan at a cost of Rs. 3500 croreIndia will give China a shock, it will build a new railway line inside Bhutan at a cost of Rs. 3500 crore

India-Bhutan Railways Network: भारत और भूटान दोनों देशों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए साल 2018 से बातचीत कर रहे थे. वहीं अब ये दोनों देश आधिकारिक तौर पर रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे. इसके लिए समझौता किया जा चुका है. इस प्रोजेक्ट के तहत 6 स्टेशन रेलवे नेटवर्क से जुड़ेंगे.

भारत अपने आस-पास पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यामांर और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से घिरा है, जहां हमेशा राजनीतिक उथल-पुथल रहती है. ऐसे में भारत की ओर से इन जगहों पर सुख-सुविधाओं को लेकर किए गए निवेश धरे के धरे रह जाते हैं.

भारत ने नवंबर साल 2023 में भारत-म्यांमार रेल नेटवर्क प्रोजेक्ट को लेकर मिजोरम की राजधानी एजवाल से म्यांमार के बॉर्डर हिबिछुआह तक 223 किलोमीटर रेलवे लाइन का सर्वे किया था. इस प्लान के तहत मिजोरम को म्यांमार के सित्त्वे बंदरगाह से जोड़ना था, लेकिन म्यांमार में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण यह धरा का धरा रह गया.

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से त्रिपुरा के अगरतला से बांग्लादेश के अखोरा के लिए भारत-बांग्लादेश रेलवे लिंक का प्रोजेक्ट धरा का धरा रह गया. इस नए रेल प्रोजेक्ट का बजट 708.73 करोड़ का था. बता दें कि जुलाई 2024 से ही बंगाल और बाग्लादेश के बीच ट्रेन सर्विस बंद है.

अब भारतीय रेलवे असम के कोकराझर से भूटना के गेलेफू तक रेल लाइन बिछाने जा रहा है. 69.4 किलोमीटर की यह रेलवे लाइन असम के कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी. इसकी कुल लागत 3,500 करोड़ के आसपास होगी.

यह रेलेव लाइन भारत और भूटान के बीच पर्यटन और व्यापार को बढ़ाएगा. वहीं इससे दोनों देशों के संबंध भी मजबूत होंगे. साथ ही इससे भूटान को अपना पहला रेलवे लिंक भी मिलेगा. वहीं रेलवे लिंक का निर्माण भारत सरकार की ओर से किया जाएगा. रेल लाइन बिछाने के लिए DPR पूरा कर लिया गया है.

इस रूट पर ट्रेन का संचालन नार्थ ईस्टर्न फ्रंटियर (NF) रेलवे की ओर से किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट में गरुभासा, रुनिखाता, शांतिपुर, बालाजन, दादगिरि और गेलेफू इन 6 नए स्टेशन का विकास किया जाएगा. बता दें कि साल 2018 से ही भारत के रेलवे नेटवर्क को भूटान से जोड़ने की बात चल रही थी. पिछले साल ही दोनों देशों ने इसको लेकर आधिकारिक समझौता किया था.

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