मनरेगा श्रमिकों के लिए खुशखबरी! मजदूरी दरों में 3% से 10% तक की बढ़ोतरी, जानिए आपके राज्य में नया वेतन

सरकार ने MGNREGA के तहत श्रमिकों की मजदूरी में 2 से 7 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। हरियाणा को सबसे ज्यादा फायदा, नागालैंड को मिली सबसे कम दर! जानिए किस राज्य को कितनी वृद्धि मिली।

मनरेगा श्रमिकों के लिए खुशखबरी! मजदूरी दरों में 3% से 10% तक की बढ़ोतरी, जानिए आपके राज्य में नया वेतन

मनरेगा श्रमिकों के लिए खुशखबरी है! केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत श्रमिकों की मजदूरी दरों में वृद्धि का ऐलान किया है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए MGNREGA की मजदूरी दरों में 2 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक का इजाफा किया है। यह वृद्धि खासतौर पर उन राज्यों में प्रभावी होगी जहां श्रमिकों की मजदूरी दरें कम थीं। इस बढ़ोतरी के बाद, हरियाणा के श्रमिकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जिनकी मजदूरी अब प्रति दिन 400 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं, नागालैंड में यह दर 241 रुपये है, जो कि सबसे कम है।

MGNREGA की मजदूरी में कितना इजाफा हुआ है?

केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, MGNREGA के तहत श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी दर में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। इस वृद्धि में राज्यवार दरों को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। मसलन, हरियाणा में श्रमिकों को 400 रुपये प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी मिल रही है, जो पिछले साल की दर 374 रुपये से अधिक है। यह वृद्धि हरियाणा के श्रमिकों के लिए सालाना करीब 26 रुपये के बराबर है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।

नागालैंड को हालांकि सबसे कम 241 रुपये प्रतिदिन की दर पर मजदूरी मिलेगी, जो इस वृद्धि के बावजूद सबसे निचले स्तर पर है। राज्यवार आधार पर, मजदूरी दरों में यह इजाफा 2 से 7 प्रतिशत तक होगा, और यह राज्यों की आर्थिक स्थिति, श्रमिकों की संख्या और कामकाजी परिस्थितियों पर आधारित है।

MGNREGA की महत्वता और उद्देश्य

मनरेगा (MGNREGA) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसे 2005 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और बेरोजगारी को कम करना है। इस योजना के तहत हर परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार गारंटी दी जाती है। खासतौर पर, यह योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जो स्थायी नौकरी नहीं कर सकते और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं।

मनरेगा के तहत श्रमिकों द्वारा किए जाने वाले कार्यों में तालाब खुदाई, सड़क निर्माण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण, और अन्य ग्रामीण विकास कार्य शामिल हैं। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास भी किया जाता है, जिससे समाज के कमजोर वर्ग को रोजगार और आय का अवसर मिलता है।

इस योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है, और न्यूनतम 33% रोजगार महिलाओं के लिए आरक्षित होता है। इस नीति के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करती है कि महिलाओं को भी कार्य के समान अवसर मिलें, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हो सके।

मजदूरी में वृद्धि का राज्यवार असर

इस वृद्धि से विभिन्न राज्यों में श्रमिकों को अलग-अलग लाभ होगा। जहां हरियाणा के श्रमिकों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है, वहीं अन्य राज्यों में भी मजदूरी में इजाफा होगा। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में भी मजदूरी दरों में बढ़ोतरी से श्रमिकों को राहत मिलेगी। इन राज्यों में श्रमिकों की बड़ी संख्या है, और इस तरह की वृद्धि उनके जीवन स्तर में सुधार ला सकती है।

MGNREGA योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीबों की स्थिति में सुधार करना है, और इस मजदूरी वृद्धि से श्रमिकों की खरीदारी शक्ति में वृद्धि होगी, जो सीधे तौर पर उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद करेगी। इसके अलावा, इस वृद्धि से ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ता मांग भी बढ़ने की संभावना है, जिससे स्थानीय व्यापारों को भी लाभ मिलेगा।

मनरेगा के जरिए बेरोजगारी में कमी

मनरेगा योजना का एक और बड़ा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर को कम करना है। यह योजना उन इलाकों में भी कारगर साबित हो रही है, जहां पहले रोजगार के अवसर कम थे। इस योजना के माध्यम से लाखों श्रमिकों को रोजगार मिलता है, और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनते हैं।

इस मजदूरी वृद्धि से यह उम्मीद जताई जा रही है कि श्रमिकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि ज्यादा मजदूरी मिलने पर अधिक लोग इस योजना का हिस्सा बनेंगे और इससे आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।

क्या है MGNREGA की भविष्यवाणी?

वर्तमान में, सरकार इस योजना की प्रभावशीलता पर लगातार नजर रखे हुए है और इसकी सफलता को बढ़ाने के लिए समय-समय पर नीतियों में बदलाव करती रहती है। इस वृद्धि के साथ, सरकार का प्रयास है कि मनरेगा श्रमिकों को बेहतर मजदूरी और रोजगार की स्थिति मिले, ताकि वे अपनी दिनचर्या को बेहतर बना सकें।

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