MP News : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के दो बड़े शहरों को महानगर घोषित कर दिया है। भोपाल और इंदौर दो शहर हैं जो महानगर बनने की तैयारी कर रहे हैं। इंदौर को चार आसपास के जिलों को जोड़कर महानगर बनाने की योजना है। इंदौर को महानगर बनाने पर उसके औद्योगिक और आर्थिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है।
मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (IMDA) बनाने की तैयारी
इंदौर मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (IMDA) को बनाने की योजना बनाई जा रही है ताकि शहर और आसपास के क्षेत्रों का विकास जल्दी हो सके। इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार ने बताया कि 10 लाख से अधिक लोगों वाले क्षेत्र को मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित किया गया है। अनियोजित विकास की स्थिति में इंदौर की शहरी आबादी के साथ-साथ उसके परिधीय क्षेत्रों की वृद्धि दर 50% तक पहुंच चुकी है।
तहसील निकायों को निकाला जा रहा डाटा
मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने के लिए निकायों और जिलों की अलग-अलग तहसील से डाटा निकालना होगा। जिसमें जनसंख्या और उद्योग एनालिसिस रिपोर्ट का ड्राफ्ट बनाया जाएगा। फिर जरूरत की जगह का भौगोलिक विश्लेषण किया जाएगा। सिंहस्थ 2028 को देखते हुए उज्जैन और देवास में कई परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। इसके साथ क्षेत्र की योजना बनाने का प्रस्ताव बनाया जाएगा। इसके बाद राज्यविकास अथॉरिटी बनाई जाएगी।
इंदौर उज्जैन देवास धार और शाजापुर जुड़ेंगे
इंदौर उज्जैन देवास धार और शाजापुर का कुछ हिस्सा मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी में शामिल होगा। इस क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 31360.6 वर्ग किलोमीटर होगा जिससे इंदौर को गुजरात महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की तरह मेट्रोपॉलिटन विकास का मॉडल मिलेगा। ऐसा करने से आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। योजनाओं का कार्यान्वयन त्वरित और सफल होगा। इस योजना के कार्यान्वयन के बाद इंदौर मध्य प्रदेश का पहला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बन सकता है।