राजस्थान में 273 किलोमीटर रेल लाइन का होगा दोहरीकरण, 300 रेल पुल के निर्माण से सफर में होगी आसानी

Rajasthan News : लूणी-समदड़ी-भीलड़ी रेलखण्ड को दोहरीकरण करने का काम तेज हो गया है। 273 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन को चार फेज में दोहरीकरण करना होगा। इसमें से तीन चरणों में दोहरीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। रेलवे ट्रैक को अलग से बिछाने के लिए पहले सफाई की गई फिर अर्थ वर्क शुरू हुआ। ऐसे में क्षेत्रवासियों के लिए रेल सेवाओं का विस्तार किया जा सकेगा और सफर सुगम बनाया जा सकेगा। लंबी दूरी की ट्रेनें भी भविष्य में बढ़ जाएंगी।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लूणी से राखी तक सत्तर किलोमीटर मोदरान से कोडी तक चालिस किलोमीटर और रानीवाड़ा से भीलड़ी तक सत्तर किलोमीटर की दूरी पर दोहरीकरण का काम शुरू होगा। रेलवे ट्रैक को अलग से बिछाने की प्रारंभिक सफाई के बाद अब अर्थ वर्क का कार्य शुरू हुआ है। पुल बनाने और कंकरीट बिछाने की प्रक्रिया इसके बाद होगी।

2027 तक काम होगा पूरा

लूणी-समदडी-भीलड़ी रेलमार्ग का दोहरीकरण कार्य 2027 तक पूरा होना चाहिए। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भीलड़ी से रामसन 26 किलोमीटर और लूणी से समदड़ी 50 किलोमीटर तक दोहरीकरण कार्य समय पर पूरा हो जाएगा।

300 छोटे-बड़े पुल का होगा निर्माण

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 273 किलोमीटर लंबे लूणी-समदड़ी-भीलड़ी रेलवे मार्ग पर 300 छोटे-बड़े नदी-नाले हैं जिन पर नए पूल बनाए जाएंगे। इसमें दस मेजर नदिया और नाले शामिल हैं। यहां बड़े पूल बनाए जाएंगे। इस भाग में पहला अर्थ वर्क हो रहा है। तब पूल बनाना होगा। रेल ट्रैक बिछाने के लिए कंकरीट भी बिछाई जाएगी।

क्षेत्रवासियों को मिलेगा इससे बड़ा लाभ

इस भाग के दोहरीकरण से क्षेत्रवासियों को बहुत लाभ होगा। यात्रियों के लिए रेल सेवाओं को बढ़ाया जाएगा। लबीदूरी की ट्रेनें अधिक होंगी। साथ ही निर्धारित समय पर पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन गंतव्य स्थान पर पहुंचेंगे। वर्तमान में इस खंड से दो एक्सप्रेस ट्रेन आवाजाही करते हैं और दो पैंसेजर ट्रेन भी आवाजाही करते हैं। सप्ताह में दो साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन और सप्ताह में तीन साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन भी चलती हैं। दरअसल समदडी-भीलड़ी 223 किलोमीटर रेलवे का आमान बदल गया था। 2024 में इस भाग को बिजली दी जाएगी।

रेलखंड का दोहरीकरण होगा तीन फेज में

लूणी-समदडी-भीलड़ी 273 किलोमीटर रेलखंड का दोहरीकरण तीन चरणों में शुरू हो गया है। विभिन्न ट्रैक को अलग-अलग बिछाने के लिए सफाई के बाद अब अर्थ वर्क का काम शुरू हुआ है। इसके बाद पुल फिर बनेगा। इस भाग में 300 छोटे-बड़े पुल बनाने की योजना है।

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