अल्लाह की इबादत में झुके लाखों सिर! यूपी के 70 हजार मस्जिद-ईदगाहों में टूट पड़े मुसलमान, बरसाएं जा रहे फूल..

अल्लाह की इबादत में झुके लाखों सिर! यूपी के 70 हजार मस्जिद-ईदगाहों में टूट पड़े मुसलमान, बरसाएं जा रहे फूल..Eid Ul Fitr 2025: देश में आज ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जा रहा है।अलग-अलग मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की नमाज अता करने का समय अलग-अलग निर्धारित है। इस खास मौके पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति ने ईद की मुबारकबाद दी है। उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सभी को ईद की शुभकामनाएं दी हैं। यूपी में सुबह से ही शहर से लेकर गाँव तक घरों-मस्जिदों-ईदगाहों में नमाज अदा की जा रही है।

देश में रहे अमन-चैन

राज्य के करीब 30 हजार मस्जिदों और 40 हजार ईदगाहों पर लाखों मुसलमानों की भीड़ इक्कठी है। अल्लाह की इबादत में सबका सिर झुका हुआ है। नमाज को लेकर कड़ी सुरक्षा -व्यवस्था की गई है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। आगरा में आजाद समाज पार्टी ने नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों के ऊपर फूल बरसाए। मुरादाबाद में मनाही के बाद सड़कों पर एक भी मुसलमान नहीं है। देश में अमन-चैन बना रहे, इसकी दुआ की जा रही है।

क्या बोले सीएम योगी

सीएम योगी ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक हैंडल से लिखा है कि ईद-उल-फ़ितर के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। ईद-उल-फ़ितर का त्योहार खुशी और मेल-मिलाप का संदेश लेकर आता है। खुशियों का यह त्योहार सामाजिक एकता को मजबूत करने के साथ ही, आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाता है। यह पर्व अमन-चैन और सौहार्द्र का संदेश देता है। इस पर्व पर सभी को सद्भाव तथा सामाजिक सौहार्द्र को और सुदृढ़ करने का संकल्प लेना चाहिए।

यूपी में सड़क पर नमाज नहीं

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज पढ़ने से रोक के बाद पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। यूपी सरकार की सख्त हिदायत के बाद अगर किसी ने मेरठ में सड़क पर नमाज पढ़ी तो उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा। संभल में तो घर की छतों पर नमाज पढ़ने से रोक लगाई गई है। मुरादाबाद में सड़क पर एक भी नमाजी नहीं दिख रहे जबकि पिछले साल ईदगाह के चारों तरफ नमाजियों का हुजूम उमड़ा हुआ था।

क्यों खास है ईद की नमाज

ईद की नमाज ईद का एक अहम हिस्सा है। सामूहिक रूप से अदा की जाने वाली इस खास नमाज में दो रकात (प्रार्थना की इकाइयां) होती हैं, जिसके बाद इमाम द्वारा खुतबा (उपदेश) दिया जाता है। इस उपदेश में धार्मिक और सांसारिक विषयों को दो भागों में शामिल किया गया है।

 

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