डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ हमले से से निपटने का क्या है प्लान, एस. जयशंकर ने बताया राज..

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ हमले से से निपटने का क्या है प्लान, एस. जयशंकर ने बताया राज..Donald Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 26% रेसिप्रोकल टैरिफ ने वैश्विक व्यापार में हलचल मचा दी है. इस फैसले से भारत के उन उद्योगों पर गहरा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है जो अमेरिकी बाजार में निर्यात या सेवाएं प्रदान करते हैं. न केवल भारत, बल्कि चीन, ब्राजील, कनाडा और यूरोपीय संघ जैसे देश भी इस कदम से चिंतित हैं. वैश्विक मंदी का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. इसी बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के इस टैरिफ अटैक से निपटने की रणनीति को साफ करते हुए देश को भरोसा दिलाया है.

टैरिफ का असर

जयशंकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का भारत पर ठोस असर अभी स्पष्ट नहीं है. उन्होंने स्वीकार किया कि प्रभाव का आकलन करना जल्दबाजी होगी लेकिन भारत ने इससे निपटने के लिए एक मजबूत योजना तैयार की है. विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा ‘हमें अभी यह समझने की जरूरत है कि इसका असर क्या होगा, लेकिन हमारी रणनीति पूरी तरह स्पष्ट है. हम ट्रंप प्रशासन के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक स्तर पर बातचीत को प्राथमिकता दे रहे हैं.’ यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप के टैरिफ आज से भारत सहित पांच प्रमुख देशों पर लागू हो गए हैं.

ट्रेड डील

एस. जयशंकर ने खुलासा किया कि भारत इस साल के अंत तक अमेरिका के साथ एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने गर्व के साथ कहा ‘हम दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से हैं जिन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद सबसे पहले ट्रेड डील के लिए कदम उठाया. इस दिशा में हमारी प्रगति सकारात्मक है.’ जयशंकर ने यह भी बताया कि फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के दौरान इस समझौते की नींव रखी गई थी. दोनों नेताओं ने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई थी.

कूटनीति पर जोर

जहां चीन और ब्राजील जैसे देशों ने ट्रंप के टैरिफ का कड़ा जवाब देने की राह चुनी है. वहीं भारत ने कूटनीति और संवाद को अपना हथियार बनाया है. जयशंकर ने कहा ‘हमारा मानना है कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते बेहद अहम हैं. हम टकराव के बजाय बातचीत से इस मसले का हल निकालने में विश्वास रखते हैं.’ उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन का रुख भी सकारात्मक है और दोनों देशों के बीच चल रही चर्चा एक अच्छे माहौल में आगे बढ़ रही है.

वैश्विक मंदी का खतरा

ट्रंप के टैरिफ अटैक ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका को बढ़ा दिया है. इस संदर्भ में जयशंकर ने आश्वासन दिया कि भारत इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा ‘हर देश अपनी रणनीति बना रहा है और हमारी कोशिश है कि समय रहते एक ऐसा समझौता हो जाए. जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो.’ भारत का लक्ष्य न केवल अपने निर्यात को बचाना है बल्कि अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करना है.

विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उन देशों में आगे है जो ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के साथ सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा ‘हमारा लक्ष्य समय रहते इस समस्या का समाधान निकालना है और हम इसके प्रति बेहद आशावादी हैं.’ यह रणनीति भारत को वैश्विक व्यापार के इस संकट में एक मजबूत स्थिति में ला सकती है.

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