दिल्ली यमुना सफाई पर हाई लेवल मीटिंग, PM मोदी का मास्टर प्लान, तीन चरणों का रोडमैप तैयार..

दिल्ली यमुना सफाई पर हाई लेवल मीटिंग, PM मोदी का मास्टर प्लान, तीन चरणों का रोडमैप तैयार..Yamuna cleanup: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अप्रैल 2025 को दिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर एक महत्वपूर्ण हाई लेवल मीटिंग की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और मुख्य सचिव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. पीएम मोदी ने यमुना को दिल्ली की पहचान बनाने के अपने चुनावी वादे को दोहराते हुए नदी के पुनर्जनन के लिए व्यापक रणनीति पर जोर दिया.

जन भागीदारी आंदोलन की शुरुआत

पीएम मोदी ने यमुना सफाई को जन आंदोलन बनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा ‘जन भागीदारी आंदोलन के जरिए लोगों को नदी के पुनर्जनन और सार्वजनिक आयोजनों से जोड़ा जाए.’ इस पहल के तहत दिल्लीवासियों को नदी की सफाई में सक्रिय रूप से शामिल करने और जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा. विशेष रूप से छठ पूजा जैसे सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान घाटों पर बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिले.

तीन चरणों का रोडमैप

बैठक में यमुना की सफाई के लिए एक व्यापक ‘अर्बन रिवर मैनेजमेंट प्लान’ तैयार करने का निर्णय लिया गया. जिसे दिल्ली के मास्टर प्लान के साथ एकीकृत किया जाएगा. इस रोडमैप में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया-

अल्पकालिक योजनाएं (3 महीने): नदी और नालों से ठोस कचरा, गाद और मलबा हटाने का कार्य तेज करना. नजफगढ़ और बरपुला जैसे प्रमुख नालों की सफाई शुरू की जाएगी.

मध्यमकालिक योजनाएं (3 महीने से 1.5 वर्ष): सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की निगरानी और उन्नयन, साथ ही नए एसटीपी और डीसेंट्रलाइज्ड एसटीपी का निर्माण. दिल्ली में 400 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) सीवेज उपचार की कमी को दूर करने पर जोर.

दीर्घकालिक योजनाएं (1.5 से 3 वर्ष): नदी के प्रवाह में सुधार, बाढ़ क्षेत्रों की सुरक्षा, ग्रीन रिवर फ्रंट डेवलपमेंट और औद्योगिक कचरे पर सख्त निगरानी.

तकनीकी और सांस्कृतिक पहल

बैठक में रीयल-टाइम डेटा और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे उन्नत तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया गया. इनके जरिए नालों के प्रवाह और सीवेज ट्रीटमेंट की निगरानी की जाएगी. साथ ही ब्रज क्षेत्र जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्रों को जन आंदोलन से जोड़ने की योजना बनाई गई. पीएम मोदी ने यमुना के हरियाणा, दिल्ली और प्रयागराज (संगम) तक के हिस्सों की स्थिति की समीक्षा की और समग्र सफाई के लिए क्षेत्रीय सहयोग पर बल दिया.

प्रमुख मुद्दों पर चर्चा

बैठक में ड्रेन मैनेजमेंट, ठोस और औद्योगिक कचरा प्रबंधन, सीवेज और डेयरी कचरे का उपचार, और बाढ़ क्षेत्रों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ. दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), नगर निगम (एमसीडी), और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) जैसी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने का निर्देश दिया गया. पीएम ने सुझाव दिया कि यमुना के किनारों पर साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर ग्रीन कॉरिडोर और सांस्कृतिक केंद्र विकसित किए जाएं.

यमुना की सफाई का कार्य 2023 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा गठित हाई लेवल कमेटी के तहत शुरू हुआ था लेकिन आप सरकार के विरोध के कारण यह रुक गया था. अब बीजेपी सरकार के नेतृत्व में यह अभियान नए जोश के साथ शुरू हुआ है. दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा ‘उच्चतम स्तर के निर्देशों के अनुसार हम 2027 तक यमुना को स्वच्छ करेंगे.’ हालांकि नजफगढ़ और बरपुला जैसे 28-30 प्रमुख नालों से होने वाले प्रदूषण को रोकना और औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती लागू करना चुनौतीपूर्ण रहेगा.

दिल्ली की पहचान बनेगी यमुना

पीएम मोदी ने कहा ‘मां यमुना हमारी आध्यात्मिकता का स्रोत है. हम इसे दिल्ली की पहचान बनाएंगे.’ बीजेपी ने अपने ‘विकसित दिल्ली संकल्प पत्र’ में यमुना कोश और रिवरफ्रंट विकास की योजना शामिल की थी. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रोडमैप समयबद्ध तरीके से लागू हुआ तो यमुना न केवल स्वच्छ होगी बल्कि दिल्ली के लिए एक सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र भी बनेगी.

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