Patna-Purniya expressway: बिहार में बनने वाले तीन नए एक्सप्रेस-वे के रूट (एलाइनमेंट) को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब इन सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन तीनों एक्सप्रेस-वे में फिलहाल सिर्फ पटना से पूर्णिया तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम देखने वाली टीम बनाई गई है जिसे कंपीटेंट अथॉरिटी ऑफ लैंड एक्विजिशन (CALA) या ‘काला’ कहा जाता है।
रक्सौल से हल्दिया और गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे की मंजूरी हाल ही में मिली है लेकिन इनके जरूरी कागज अभी राज्य सरकार को नहीं मिले हैं। जब ये दस्तावेज मिलेंगे तब इनके लिए भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस वजह से इन सड़कों का निर्माण इस साल शुरू होना मुश्किल लग रहा है।
इस साल एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होने की संभावना नहीं
ऐसा लगता है कि इस साल एक्सप्रेस-वे का काम शुरू नहीं हो पाएगा। नियम के अनुसार जब तक किसी प्रोजेक्ट के लिए 80 प्रतिशत जमीन अधिग्रहित नहीं हो जाती तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सकता।
ऐसे हालात में रक्सौल-हल्दिया और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का काम शुरू होना फिलहाल मुश्किल लगता है क्योंकि इनकी मंजूरी से जुड़े दस्तावेज अभी तक पथ निर्माण विभाग को नहीं मिले हैं। जब ये दस्तावेज मिल जाएंगे तभी उन जिलों में काला का गठन होगा जहां से ये एक्सप्रेस-वे गुजरेंगे।
14 जिलों में जमीन का अधिग्रहण
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के लिए काला बन चुका है लेकिन 80 प्रतिशत जमीन जल्दी अधिग्रहित करना आसान नहीं है इसलिए इसमें भी देरी हो सकती है। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे की लंबाई 281.05 किमी है। छह लेने में बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे के लिए 14 जिलों में जमीन का अधिग्रहण होना है। रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे भी छह लेन में बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 719 किमी है जिसमें 367 किमी सड़क बिहार में बननी है।
इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्वी चंपारण शिवहर सीतामढ़ूी मुजफ्फरपुर बेगूसराय लखीसराय जमुई व बांका जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। वहीं गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की लंबाई 521 किमी है और इसमें 416 किमी सड़क का निर्माण बिहार में किया जाना है।इस प्रोजेक्ट के लिए पूर्वी चंपारण सीतामढ़ी मधुबनी सुपौल अररिया व किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।