Himachali Khabar
जीजेयू, हिसार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा कि समाज में नैतिकता के गिरते स्तर को सुधारने के लिए ही सरकार की ओर से नई एजुकेशन पॉलिसी लागू की गई है। जिसमें शुरूआत से ही युवाओं को नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया जाएगा। ताकि युवा शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कारवान भी बनें। कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने रविवार को बिश्नोई मंदिर, सिरसा में आयोजित सात दिवसीय जांभाणी संस्कार शिविर के समापन पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए कही।
सर्वप्रथम बिश्नोई सभा सिरसा के प्रधान खेमचंद बैनीवाल के नेतृत्व में मंदिर में पहुंचने पर कुलपति प्रो. नरसीराम का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। प्रो. बिश्नोई ने कहा कि युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति के रंग में रंगकर संस्कारों को भूलती जा रही है। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए इस प्रकार के शिविरों का आयोजन किया जाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविरों के आयोजन का उद्देश्य यही है कि युवाओं को बिश्नोई पंथ के 29 नियमों के बारे में पूर्ण जानकारी मिले, समाज के इतिहास के बारे में युवा जानें। इसके साथ-साथ बढ़ रहे नशे के प्रचलन संबंधी सवाल के जवाब में कुलपति ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन की भांति नशा भी समाज के लिए गंभीर समस्या बनता जा रहा है। सरकार जि मेदारी से अपना काम कर रही है, लेकिन सरकार के साथ-साथ इसके लिए हम सभी को मिलकर युवाओं को नशे के प्रति जागरूक करना होगा और इस प्रकार के शिविरों से अवगत करवाना होगा, ताकि वे नशे से ध्यान हटाकर अपने आप को एक अच्छा नागरिक बनाकर अपने मां-बाप व देश की सेवा में अपना अह्म योगदान दे सकें। इस मौके पर सीडीएलयू के एक्सईएन राकेश गोदारा, सिरसा सीएमओ डा. एमके भादू, सभा सचिव ओपी बिश्नोई, सहसचिव भूप सिंह कसवां, सविता खिचड़, देशकमल सीगड़, भूप सिंह सीगड़, जगदीश तरड़, योगेश सीगड़, कृष्ण लाल बैनीवाल, डा. बनवारी लाल सहू, हवा सिंह बैनीवाल, हनुमान गोदारा, हरबंस बैनीवाल, इंद्रजीत धारणिया, अमर सिंह पूनियां, जगदीश लटियाल, पवन कड़वासरा सहित सभा सदस्य, सेवक दल सदस्य व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
बिश्नोई सभा, सिरसा ने प्रो. बिश्नोई को किया बिश्नोई गौरव अवार्ड से सम्मानित:
कार्यक्रम के दौरान बिश्नोई सभा, सिरसा ने कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई को बिश्नोई गौरव अवार्ड से समानित किया। जिला प्रधान खेमचंद बैनीवाल ने बताया कि प्रो. नरसीराम अल्प समय के लिए चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे और उन्होंने बिश्नोई समाज की मांग पर विश्वविद्यालय के एक भवन का नामकरण माता अमृता देवी के नाम पर किया था, जोकि बिश्नोई समाज के लिए बड़े ही गौरव की बात है।
शिविर में भाग लेने वाले बच्चों को किया सम्मानित:
प्रचार सचिव डा. मनीराम सहारण ने मुख्यातिथि को सात दिवसीय संस्कार शिविर के दौरान करवाई गई गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सात दिनों में जहां अलग-अलग वक्ताओं से बच्चों को रूबरू करवाया गया, वहीं बच्चों की अनेक प्रतियोगिताएं भी करवाई गई। समापन अवसर पर मु यातिथि ने प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वहीं समाज के लिए बेहतर कार्य करने वाले लोगों को भी कुलपति ने स मानित कर उनकी हौंसलाअफजाई की।