अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) की चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति के साथ बैठक

Himachali Khabar
 अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM), सिरसा इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने आज चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (CDLU), सिरसा के कुलपति प्रो विजय कुमार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य महाविद्यालय शिक्षकों के सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करना और उनके समाधान के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करना था। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ABRSM सिरसा के अध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार बेनीवाल ने किया, जिसमें श्री शेर सिंह, श्री रोहताश, और डॉ. प्रदीप कुमार शामिल थे। ABRSM ने कुलपति के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को उठाया: (1) नियमित शिक्षकों के लिए पीएचडी सीट आरक्षण: महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों के लिए पीएचडी कार्यक्रमों में सीटें आरक्षित की जाएं, ताकि वे अपनी शैक्षणिक योग्यता और अनुसंधान क्षमता को और सुदृढ़ कर सकें। (2) पीएचडी कोर्सवर्क कक्षाओं का समय: पीएचडी कोर्सवर्क कक्षाएं शिक्षकों की सुविधा के लिए शाम के समय या सप्ताहांत में आयोजित की जाएं, ताकि उनके नियमित शिक्षण कार्य प्रभावित न हों। (3) पीएचडी शोधार्थियों के लिए गाइड की अनुमति: यूजीसी नियमों के अनुसार, महाविद्यालय के नियमित शिक्षकों को पीएचडी शोधार्थियों के मार्गदर्शक/पर्यवेक्षक बनने की अनुमति दी जाए, जिससे उनकी शैक्षणिक विशेषज्ञता का उपयोग हो सके। (4) प्रश्नपत्र निर्माण में समानता: विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के लिए विषयवार प्रश्नपत्र निर्माण का कार्य सभी नियमित शिक्षकों के बीच समान रूप से वितरित किया जाए, ताकि कार्यभार का उचित बंटवारा हो। (5) परीक्षा ड्यूटी का पारिश्रमिक: परीक्षा ड्यूटी, पेपर मूल्यांकन, और केंद्र ड्यूटी के लिए पारिश्रमिक बिल जमा करने के तुरंत बाद जारी किया जाए, ताकि शिक्षकों को वित्तीय असुविधा का सामना न करना पड़े। (6) सेमेस्टर परीक्षाओं का समय: सेमेस्टर परीक्षाएं ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश से पहले आयोजित की जाएं, ताकि शिक्षकों और छात्रों को समय प्रबंधन में सुविधा हो और शैक्षणिक सत्र सुचारू रूप से चले। ABRSM के प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से इन मांगों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। कुलपति ने शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और इन बिंदुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया। डॉ. संदीप कुमार बेनीवाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सकारात्मक रवैये की सराहना की और उम्मीद जताई कि शीघ्र ही इन मांगों पर अमल होगा, जिससे शिक्षकों के हितों का संरक्षण होगा और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा I

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *