24 घंटे दिहाड़ी कर 28 साल बेटे को पढ़ाया, फिर बेटा बना सेना का बड़ा अफसर

24 घंटे दिहाड़ी कर 28 साल बेटे को पढ़ाया, फिर बेटा बना सेना का बड़ा अफसर

Gaganesh Kumar : प्रतिभा कभी परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती है। घटना हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की है। कहानी इसलिए खास है क्योंकि उनका संघर्ष भी दूसरों के मुकाबले ज्यादा है। माता-पिता उन चुनिंदा रिश्तों में से हैं जो अपने बच्चे को ऊंचे पद पर देखकर खुशी से झूम उठते हैं। यह बात मंडी जिले के गगनेश कुमार ने सच साबित कर दी है। उनके पिता चौकीदार का काम करते हैं और उनका बेटा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के अप्पर रिवालसर क्षेत्र के कोठी घारी के गगनेश (Gaganesh Kumar) सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं।

हिमाचल के Gaganesh Kumar ने बढ़ाया प्रदेश का मान

Gaganesh Kumar

भारतीय सेना के एएमसी विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत गगनेश (Gaganesh Kumar) ने कमीशन पास कर यह पद हासिल किया है। गगनेश के लेफ्टिनेंट बनने से कोठी घारी गांव में खुशी की लहर है। बलदेव के बेटे गगनेश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला पड्डल मंडी से प्राप्त की है। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा आर्य समाज मंडी से पूरी की है। गगनेश के पिता जिला खेल परिषद मंडी में चौकीदार के पद पर तैनात हैं, जबकि उनकी माता गृहिणी हैं और उनका छोटा भाई भी भारतीय सेना में क्लर्क के पद पर तैनात है।

गगनेश के पिता ने किया 28 साल मजदूरी का काम

Gaganesh Kumar

मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के कोठी गैहरी गांव के गगनेश कुमार (Gaganesh Kumar) ने सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर अपने परिवार और प्रदेश का नाम रोशन किया है। कल लखनऊ आर्मी मेडिकल कोर ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित पासिंग आउट परेड में गगनेश के पिता बलदेव सिंह और माता इंदिरा देवी ने परंपरा के अनुसार उनके कंधे पर बैज लगाकर उन्हें सम्मानित किया। गगनेश कुमार के पिता बलदेव सिंह मंडी के पड्डल मैदान स्थित खेल एवं युवा सेवाएं विभाग में 28 साल तक दिहाड़ीदार के तौर पर काम करते थे। जबकि तीन साल पहले ही विभाग ने उन्हें नियमित कर चौकीदार बना दिया था।

पहले ही सेना में क्लर्क थे गगनेश

Gaganesh Kumar

गगनेश कुमार के पिता बलदेव सिंह ने बताया कि लखनऊ स्थित आर्मी मेडिकल कोर ट्रेनिंग सेंटर में यह समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि गगनेश (Gaganesh Kumar) पहले से ही सेना में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। इसी बीच उन्हें सेना में कमीशन मिल गया। उनका दूसरा बेटा भी सेना में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। गगनेश के साथ ही मंगलवार को देशभर के 47 अन्य सैनिक भी पास आउट हुए। गगनेश ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।

लेफ्टिनेंट बनने से माता-पिता और पूरा गांव है खुश

Gaganesh Kumar

सेना में भर्ती होने से पहले गगनेश (Gaganesh Kumar) जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। उनकी दिन-रात की मेहनत रंग लाई है और उन्होंने अपने सीमित संसाधनों से अपने दोनों बच्चों को सेना में भर्ती करवाया है तथा एक बेटे को लेफ्टिनेंट बनाया है। गगनेश (Gaganesh Kumar) के लेफ्टिनेंट बनने से गांव कोठी गहरी में खुशी का माहौल है।

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