कौन हीं 26 साल के नाहिद इस्लाम?
नाहिद इस्लाम (Nahid Islam) मौजूदा समय में ढाका यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र विभाग के स्टूडेंट हैं और उस आंदोलन का चेहरा हैं, जिसकी वजह से शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. उन्हें मानवाधिकार रक्षक के रूप में उनके काम के लिए जाना जाता है. नाहिद ‘छात्रों के खिलाफ भेदभाव’ आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वयकों में से एक हैं. इस प्रदर्शन के जरिए वो बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे थे. यह आंदोलन तब शुरू हुआ, जब बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जून 2024 में 1971 युद्ध के दिग्गजों और स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत कोटा देने का फैसला सुनाया.
नाहिद इस्लाम हमेशा से शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के खिलाफ मुखर रहे हैं. इससे शाहबाग में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि छात्रों ने ‘आज लाठी उठाई है’ और अगर लाठी काम नहीं करती है तो वे ‘हथियार उठाने’ के लिए तैयार हैं. 19 जुलाई 2024 को नाहिद इस्लाम को साबुजबाग के एक घर से सादे कपड़ों में आए कम से कम 25 लोगों ने उठा लिया. उनकी आंखों पर पट्टी और हाथ में हथकड़ी लगाकर विरोध प्रदर्शनों में उनकी भागीदारी के बारे में बार-बार पूछताछ की गई और उन्हें प्रताड़ित किया गया. दो दिन बाद उन्हें पुरबाचल में एक पुल के नीचे बेहोश और घायल अवस्था में पाया गया.
इसके बाद नाहिद इस्लाम को 26 जुलाई 2024 को धानमंडी के गोनोशस्थया नगर अस्पताल से दूसरी बार उठा लिया गया. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच सहित विभिन्न खुफिया एजेंसियों से होने का दावा करने वाले व्यक्ति उसे ले गए. हालांकि, पुलिस ने किसी भी तरह की गिरफ्तारी से इनकार किया. नाहिद ने दावा किया कि आंदोलन खत्म कराने को लेकर उनसे वीडियो भी बनवाए गए. हालांकि, जब नाहिद इस्लाम गिरफ्त से बाहर आए तो उन्होंने आंदोलन और तेज कर दिया. इसके बाद आलम ये रहा कि शेख हसीना को 5 अगस्त को अपने पद के साथ ही देश भी छोड़ना पड़ गया.