France Bank Robbery 1976: दुनिया में बैंक लूट की कई घटनाएं सुनने को मिलेंगी लेकिन फ्रांस के सोसायटी जनरल बैंक रॉबरी अद्भुत है. यहां अद्भुत शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया जा रहा है कि क्योंकि इस लूट का सरगना एक सामान्य फोटोग्राफर था और उसने 27 घंटे में दुनिया के सबसे सुरक्षित माने वाले बैंक में सेंध लगाकर 900 करोड़ रुपए चुरा लिए थे लेकिन किसी को कानोंकान भनक भी नहीं हुई थी.
सदी की सबसे बड़ी चोरी
19 जुलाई 1976 को फ्रांस के नीस (Nice) शहर में हुई इस चोरी ने लोगों के होश उड़ा दिए थे. यह चोरी दुनिया के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले सोसायटी जनरल (Societe Generale) बैंक में हुई थी. जिसमें सिक्योरिटी अलॉर्म तक यह सोचकर नहीं लगाया गया था कि इस बैंक में चोरी करना असंभव है. लिहाजा यहां सिक्योरिटी अलॉर्म लगाने की जरूरत ही नहीं है. लेकिन यह ओवर कॉन्फिडेंस ही बैंक पर भारी पड़ गया. चोरों ने इतनी सफाई से इस बैंक के बेहद मजबूत सिक्योरिटी वॉल्ट को धता बताकर ना केवल उसमें घुसे बल्कि वॉल्ट के अंदर 27 घंटे भी बिताए.
बैंक कर्मचारियों से नहीं खुला सिक्योरिटी वॉल्ट
चोरी का पता तो तब चला जब सुबह बैंक के कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने रोज की तरह बैंक के वॉल्ट को अनलॉक करके दरवाजा खोलने की कोशिश की. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वॉल्ट नहीं खुला तो वॉल्ट बनाने वाली कंपनी से एक्सपर्ट बुलाए गए. लेकिन जिसे वो वॉल्ट के जाम होने का मामला समझ रहे थे, दरअसल वो इससे बहुत बड़ी घटना थी.
वॉल्ट में छेद करके देखा तो उड़ गए होश
बैंक के सामने जब ग्राहकों का भारी जमावड़ा लग गया और बैंक वॉल्ट नहीं खुला तो एक्सपर्ट्स ने वॉल्ट में छेद करके अंदर झांकने का निर्णय लिया, ताकि समझा जा सके कि वॉल्ट खुलने में क्या समस्या आ रही है. फिर भी बैंक में रॉबरी होने की बात तो उनके रहमोगुमान में भी नहीं थी क्योंकि वॉल्ट के दरवाजे पर किसी भी तरह की फोर्स एंट्री के निशान नहीं थे, जिससे कि यह लग सके कि किसी ने उसे खोला हो या खोलने की कोशिश की हो.
जब वॉल्ट की दीवार में हेवी ड्रिलिंग मशीन से छेदकरके अंदर देखा तो पता चला कि किसी ने वेल्डिंग करके अंदर वॉल्ट के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया था. यह मंजर देखकर बैंक कर्मचारियों के होश उड़ गए. वहां के कई लॉकर खुले पड़े थे, जिनसे कीमती सामान गायब थे. कैश गायब था. केलकुलेशन होने पर पता चला कि यह करीब 900 करोड़ रुपए की चोरी थी.
बैंक लुटेरों को नहीं ढूंढ पाई पुलिस
बैंक के इस वॉल्ट के अंदर जाने का एकमात्र रास्ता था दरवाजा. फिर चोर वॉल्ट के अंदर कैसे पहुंचे यह बात किसी को समझ नहीं आ रही थी. लिहाजा चोरों तक कैसे पहुंचे इसका कोई क्लू ही नहीं मिल रहा था. वो तो लंबे समय बाद चोरों में से एक ने अपनी गर्लफ्रेंड के चक्कर में एक गलती कर दी और उसकी गहराई से जांच-पड़ताल में एक क्लू मिला जिसने इस बैंक रॉबरी के चोरों के बारे में खुलासा किया.
फोटोग्राफर ने की थी रॉबरी की प्लानिंग
जांच में पता चला कि फ्रांस के बैंक से 900 करोड़ रुपए की डकैती करने वाली गैंग का मास्टरमांइड एक फोटोग्राफर था. इस फोटोग्राफर ने बैंक में एक लॉकर खुलवाया और उसे ऑपरेट करने के बहाने वो कई बार वॉल्ट में गया, जिसके हर हिस्से की उसने चुपके से तस्वीरें भी खींच लीं.
बैंक में सिक्योरिटी अलॉर्म नहीं था
बैंक में सिक्योरिटी अलॉर्म कैसा है और इसके एक्टिव होने पर सुरक्षाकर्मियों का कैसा रिस्पांस होता है यह जानने के लिए फोटोग्राफर अल्बर्ट स्पाजियारी ने अपने लॉकर में अलॉर्म लगाकर घड़ी भी रखी. जो रात में बजती थी लेकिन बैंक में तो ये सोचकर सिक्योरिटी अलॉर्म नहीं लगाया गया था कि इस सबसे सुरक्षित बैंक में चोरी करने की कोई सोच भी नहीं सकता. बस, यही गलती भारी पड़ गई. फोटोग्राफर ने इस लूप होल का फायदा उठाया और चोरी की योजना बनानी शुरू कर दी.
चोरी के लिए बनाई सुरंग
मनी हाइस्ट वेब सीरिज की तरह फोटोग्राफर ने बैंक के वॉल्ट में पहुंचने के लिए सुरंग बनाने की योजना बनाई, ताकि वो अंडरग्राउंड रास्ते से इसमें प्रवेश करे. इसके लिए उसने चालाकी से बैंक के आसपास की सीवेज लाइन का पूरा नक्शा निकाला. सुरंग बनाने के लिए उसने एक गैंगस्टर से संपर्क किया और फिर उसके सदस्यों के साथ मिलकर सुरंग बनाई, जिसका एक हिस्सा सीवेज लाइन में निकलता था. इसे भी जरूर पढ़ें –