थर्मामीटर हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। हम थर्मामीटर का इस्तेमाल तब करते हैं जब हम बीमार होते हैं, हमे बुखार होता है। इस थर्मामीटर का इस्तेमाल करके ही हम पता लगाते हैं कि कितनी डिग्री का बुखार हमे चढ़ा हुआ है। वैसे तो यह इतना छोटा होता है कि आप इसे अपने साथ कहीं भी लेकर जा सकते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इस थर्मामीटर को अपने साथ हवाई जहाज में नही ले जा सकते?
जी हां, आप इसे लेकर फ्लाइट में यात्रा नही कर सकते हैं क्योंकि इसे हवाई जहाज में ले जाना बैन हैं। अगर आप इसे अपने साथ लेकर चले भी जाते हैं, तो एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान आपको इसे वहीं पर छोड़ देना होगा क्योंकि आपको इसे लेकर फ्लाइट में घुसने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अब आप सोच रहे होंगे कि भला एक थर्मामीटर ले जाने से क्या ही होगा, तो फिर ऐसा क्यों है, क्या कारण है इसके पीछे? तो चलिए आपके इस सवाल का जवाब हम आपको देते हैं।
फ्लाइट में थर्मामीटर क्यों नहीं ले जा सकते हैं?
दरअसल, शायद आपको पता होगा कि जो हवाई जहाज होता है वह पूरा का पूरा अलुमिनियम से बना होता है क्योंकि इससे इसका वजन कम रहता है। और जो थर्मामीटर होता है उसके अंदर बुखार को मापने के लिए मरक्यूरी जिसे हम हिंदी में पारा कहते है, उसका प्रयोग किया जाता है।
अब आप सोचेंगे कि तो क्या हुआ इससे हवाई जहाज और थर्मामीटर का क्या संबंध? तो हम आपको बता दें कि अलुमिनियम और मरक्यूरी, ये दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं। अगर कही पर भी अलुमिनियम के ऊपर पारा गिर गया तो वह पूरे के पूरे अलुमिनियम को खत्म कर देगा।
तो इसलिए थर्मामीटर को फ्लाइट में ले जाने की इजाजत नहीं है क्योंकि अगर गलती से भी थर्मामीटर गिर कर टूट गया और प्लेन में गिर गया तो वह पूरे अलुमिनियम को खत्म कर देगा और प्लेन क्रैश हो जाएगा। इसलिए प्लेन में थर्मामीटर के बदले लेज़र गन का उपयोग किया जाता है और इसी से टेम्परेचर को मापा जाता है।