Snake Viral Claim : पिछले एक हफ्ते में यूपी के फतेहपुर जिले के रहने वाले विकास दूबे की कहानी ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं . 40 दिन में सात बार सांप काटने के दावे और 9वीं बार में मौत पक्की की भविष्यवाणी ने के दावे से सनसनी फैल गई है. घटना की इतनी चर्चा हुई की जांच के लिए वन विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी एक्टिव हो गई, लेकिन जांच में जो सामने आया उससे विकास के दावों पोल खुलने लगी है.
Snake Viral Claim : शुरुआती जांच में दावों में नहीं मिली सच्चाई
शुरुआती पांच दिनों की जांच में यह साफ होने लगा है कि विकास दुबे के शरीर पर सांप काटने के जो 7 निशान हैं , उनमें केवल एक बार ही स्नेक बाइट के निशान हैं बाकी के 6 निशान झूठे हैं. यानी स्वास्थ्य विभाग ने पाया की विकास को केवल एक बार ही सांप ने काटा था . इस बात को और अधिक पुख्ता करने के लिए जांच चल रही है.
डाक्टर ने कहा परिजनों के कहने पर दिया एंटी वेनम डोज
इस मामले में जांच टीम ने विकास का इलाज करने वाले डॉ. जवाहरलाल का बयान भी दर्ज किया है. डॉ. जवाहरलाल का कहना है कि उन्होंने 4 बार विकास को एंटी वेनम की नार्मल डोज दी है. पूछताछ के दौरान डॉ. जवाहरलाल से जांच टीम ने जब ये पूछा कि विकास दूबे को किस प्रजाति के सांप ने काटा है तो इस पर डॉ. जवाहरलाल ने कहा उन्हें नहीं पता कि विकास को किस प्रजाति के सांप ने काटा था. उन्होंने तो परिजनों के कहने पर ही सात बार विकास का इलाज किया और इसमें चार बार उसे एंटी वेनम का नार्मल डोज दिया गया.
विकास के मामले में अब डाक्टर जवाहर भी उलझते नजर आ रहे हैं. क्योंकि जब स्वस्थ विभाग के अधिकारियों ने उनसे सवाल किया कि बिना सांप की प्रजाति जाने उन्होंने पीडित को एंटी वेनम डोज कैसे दिया तो वो इसका संतोष जनक जवाब नहीं दे पाये.
‘विकास दूबे के अलावा किसी और ने नहीं देखे हैं सांप ‘
वहीं वन विभाग की टीम का कहना है कि अब तक की जांच में यह तथ्य सामने आये हैं कि विकास दूबे के अलावा अब तक किसी ने भी सांप को देखा नहीं है. जिन-जिन स्थानों पर विकास दूबे ने सांप के डंसने का दावा किया है उन स्थानों पर जांच पड़ताल की गई तो वहां कोई सांप नहीं मिला.
क्या है विकास दूबे के दावों की कहानी ?
दऱअसल पिछले कुछ दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया पर यूपी के फतेहपुर के विकास दूबे का एक दावा वायरल हो रहा था, जिसमें उसने कहा कि उसे एक ही सांप ने 40 दिन के अंदर सात बार काटा. तीन बार तो उसने खुद सांप को देखा था. विकास ने अपने दावे में ये भी कहा कि जब भी सांप उसे काटने वाला होता है तो उसे इसका आभास हो जाता है. उसे शनिवार और रविवार के दिन ही सांप काटता है. ये खबर जंगल में आग की तरह फैली और लोग इस बात की पड़ताल में जुट गये कि ऐसा कैसे हो सकता है. यहां तक की इस मामले में वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी सत्यता को परखने में जुट गई. इस बीच विकास दूबे अपने परिवार के साथ राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में पहुंच गया हैं. परिजनों के मुताबिक किसी तांत्रिक ने उन्हें सलाह दिया है कि बालाजी के दरबार में दर्शन करने से उन्हें कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जायेगी.
विकास को मेहंदीपुर बालाजी में कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी की नहीं ये आस्था और विश्वास का सवाल है. लेकिन सोशल मीडिया और सरकारी एजेंसियां विकास के साथ क्या सलूक करेंगी वो वन विभाग और स्वस्थ विभाग की जांच पूरे होने पर सामने आ जाएगा. क्योंकि आस्था के पीछे मशहूर होने की इच्छा में बुनी विकास की कहानी जांच में खुलती जा रही नजर आ रही है.