डंपर के पीछे घुसी छात्रों की कार को ट्रॉला ने इतनी जोर की टक्कर मारी थी कि करीब सात फीट की ऑल्टो पिचक कर लोहे का टुकड़ा बन गई। कार में कितने लोग और कौन बैठा था, यह पहचानना मुश्किल था। बचाव कार्य में जुटी पुलिस व दमकल की टीमों ने करीब 40 मिनट तक कटर से कार छत और दरवाजों को काटा, तब जाकर छात्रों और चालक के शवों को बाहर निकाला।
हादसे में मरने वाले चारों छात्र छात्राएं पीएसआईटी से बीटेक कर रहे थे। भौंती में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के सामने फ्लाईओवर खत्म होने से 100 मीटर पहले हादसा हुआ है। आगे जा रहे डंपर चालक के ब्रेक लगाने के बाद छात्रों की कार का चालक विजय साहू जब तक ब्रेक लगा पाता, तब तक कार आगे डंपर से जा टकराई।
एक क्षण भी न बीत पाया कि तभी पीछे से 50 टन सरिया लाद कर आ रहे ट्राॅले ने भी कार को टक्कर मार दी। इससे हाईवे पर चीख पुकार मच गई। पुलिस ने कार की दशा देखकर तत्काल ही दमकल टीम को बुलाया। फिर सबसे पहले आगे वाले डंपर को स्टार्ट कर किनारे खड़ा कराया गया।
कटर और हाइड्रोलिक कटर की मदद से कार का बांया दरवाजा काटा तो सबसे पहले ग्रे जींस वाला पैर और काली घड़ी वाला हाथ दिखाई दिया। साथ ही नीला बैग भी नजर आया। यह प्रतीक था, जो ड्राइवर के बगल में बैठा था। चेहरा पूरी तरह लहुलुहान था। इसके बाद दूसरी ओर से दरवाजा काटने पर ड्राइवर विजय साहू का शव दिखा।
स्टेयरिंग उसकी पसलियों से सटा था और गर्दन दायीं ओर घूमी थी। इसके बाद कार को थोड़ा और काटने पर कुर्ती और बाल दिखे, कुछ और साफ किया गया तो सामने छात्रा गरिमा त्रिपाठी का शव दिखाई दिया।
इसके बाद पीछे बैठी आयुषी पटेल और ग्रे जींस व चेकदार शर्ट पहने सतीश कुमार के शव काफी मशक्कत के बाद निकाले जा सके। सभी शव कांच के टुकड़े घुसने से छलनी हो चुके थे। सरिया लदे ट्राॅला को दो हाइड्रा क्रेन की मदद से किनारे खड़ा कराया गया।
सीएनजी सिलेंडर फटता तो आग का गोला बन सकती थी कार
हादसे का शिकार हुई छात्रों वाली आल्टो कार पेट्रोल और सीएनजी से चलती थी। घटना स्थल पर बने टायरों के निशान से साफ है कि हादसे के वक्त पीछे से आ रहे सरिया लदे ट्राले को रोकने के लिए चालक ने भरसक कोशिश की ओर ब्रेक भी लगाया। ब्रेक अचानक लगने और ढाल पर गाड़ी होने से ट्राले में जोरदार झटका लगा।
इससे उसमें लदी सरिया ट्राले की बॉडी से जा टकराई। इसके निशान तक ट्राले की बॉडी में पड़ गए। कार में टक्कर लगने के बाद ट्राला डंपर से जा टकराया। इससे कार बुरी तरह पिचक गई। इसके बावजूद गनीमत रही कि सीएनजी सिलिंडर नहीं फटा वरना कार आग का गोला बन सकती थी।