फेफड़ों का कैंसर दुनिया में सबसे आम कैंसरों में से एक है. द लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में, 2,206,771 नए मामलों के साथ फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में दूसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर था.
इतना ही नहीं 1,796,144 मौतों के साथ यह कैंसर से संबंधित मौतों का भी प्रमुख कारण रहा.
इस कैंसर से होने वाली मौत का एक अहम कारण है, जिसके निदान में देरी होना जिससे समय पर इलाज नहीं शुरू हो पाता है. ऐसे में आप इसके जोखिम हैं या नहीं इसे जानने के लिए आप डायमंड फिंगर टेस्ट कर सकते हैं. यह टेस्ट न केवल सरल है, बल्कि इसे घर पर भी आसानी से किया जा सकता है.
इन लक्षणों से पहचानें फेफड़ों का कैंसर
फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों में 3 सप्ताह से अधिक समय तक ठीक न होने वाली खांसी, छाती में संक्रमण, खून की खांसी, सांस फूलना और भूख न लगना शामिल हैं. इसके अलावा, चेहरे और गर्दन पर सूजन, घरघराहट और निगलने में कठिनाई भी इसके संकेत हो सकते हैं.
बचाव के उपाय
फेफड़ों के कैंसर से बचने के लिए धूम्रपान छोड़ना या उससे बचना बेहद आवश्यक है. इसके अलावा, संतरे, कीनू, आड़ू, और गाजर जैसे खाद्य पदार्थ फेफड़ों के कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता है. साथ ही प्रदूषण के मौसम में चेहरे पर मास्क पहनना भी फायदेमंद हो सकता है.