केंद्र सरकार के अधीन अलग-अलग महकमों में करोड़ों कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। इस माह में उनका डीए बढ़ना तय है। साथ ही पेंशनरों को डीआर यानी महंगाई राहत (DR means dearness relief)की राशि में बढ़ोतरी होनी संभावित है। ऐसे में कर्मचारियों व पेंशनरों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। साथ ही बजट जारी होने वाला है, अपडेट यह भी है कि ऐसे में 8वें वेतन आयोग को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। श्रम मंत्रालय द्वारा AICPI इंडेक्स के छमाही आंकड़े जारी किए जाने हैं। इस आधार पर जुलाई में एक बार फिर महंगाई भत्ता बढ़ेगा।
दोनों मुद्दे सिरे चढ़ने की संभावना
जल्द ही बजट सत्र में कर्मचारियों के हित में बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। संभावना है कि आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) को लागू करने पर भी विचार किया जा सकता है। हालांकि अभी इस बारे में अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। महंगाई भत्ता व आठवां वेतन आयोग सहित दोनों मुद्दे (DA Hike/8th Pay commission) सिरे चढ़े तो कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होगी।
हर छह माह में बढ़ता है महंगाई भत्ता
केन्द्र सरकार द्वारा AICPI इंडेक्स के छमाही के आंकड़ों के आधार पर साल में दो बार जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों-पेंशनरों के DA/DR की दरों में संशोधन किया जाता है। जनवरी में चार प्रतिशत महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया था। इसके साथ ही भत्तों और ग्रेच्युटी में भी इजाफा किया गया था। अब अगला डीए जुलाई 2024 में बढ़ाया जाना है। अब यह 50 से 54 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों को भी होगा लाभ
डीए बढ़ने व डीआर मिलने से कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों को भी फायदा पहुंचेगा। श्रम मंत्रालय द्वारा जारी अप्रैल तक के AICPI इंडेक्स अंक को देखा जाए तो अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 0.5 अंक बढ़कर 139.4 पर और डीए का स्कोर 52 के पार पहुंच गया है, ऐसे में संभावना है कि जुलाई में केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के DA/DR में 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की जा सकती है, हालांकि अभी मई और जून के आंकड़े आना बाकी है, जिसके बाद साफ हो सकेगा कि कितने प्रतिशत डीए बढ़ेगा।
समझिये डीए के स्कोर का फंडा
डीए में बढ़ोतरी होने से कर्मचारियों को महंगाई से भी राहत मिल सकेगी। अगर डीए का स्कोर इस महीने में डीए का स्कोर 53 से पार पहुंचता है तो 3 से 4 प्रतिशत डीए का बढ़ना तय है यानि डीए 50% से बढ़कर 53% या 54% हो जाएगा । इससे सैलरी में 50,000 से 1 लाख तक की वृद्धि देखने को मिलेगी। नई दरों का ऐलान अगस्त सितंबर में हो सकता है। इसके साथ ही कई अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे निश्चित रूप से कर्मचारियों को महंगाई से बड़ी राहत मिलेगी।
8वें वेतन आयोग को लेकर ये हैं चर्चाएं
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर भी कर्मचारियों में कई तरह के मत हैं। कोई इसे लागू होने की पूरी उम्मीद में है तो कोई इसे सिरे से नकार रहा है। इस बारे में अपने-अपने कयास लगाए जा रहे हैं। सरकार ने अभी इस बारे में कुछ क्लियर नहीं किया है। कर्मचारियों को बजट के बाद इस पर मंथन किए जाने की आस है।
इस कारण से बढ़ी उम्मीद
अब तक हर दस साल में नया वेतन आयोग लागू होता आया है। इस कारण कर्मचारियों को 2026 में आठवां वेतन आयोग लागू होने की पूरी उम्मीद है। गौरतलब है कि इससे पहले सातवें वेतन आयोग का गठन साल 2014 में कांग्रेस सरकार में किया गया था, जो 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था। इसमें फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) को आधार मानकर 2.57 गुना की वृद्धि और बेसिक सैलरी 18000 रुपए की गई। अब साल 2026 में सातवें वेतन आयोग लागू हुए 10 साल पूरे हो जाएंगे, ऐसे में अब नए वेतन आयोग की मांग और उम्मीद पहले से ज्यादा हो गई है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से वेतन आयोग को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
8वें वेतन आयोग के लागू होने से इतनी हो जाएगी सैलरी
पूर्व में 10 साल के अंतर में नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती रही हैं। अगर 10 साल के हिसाब से 2026 में मोदी सरकार 8वां वेतन आयोग लागू करती है तो इससे वेतन में 44.44% की वृद्धि देखने को मिल सकती है।इससे करीब 48.62 लाख कर्मचारियों और 67.85 लाख पेंशनभोगियों को सीधा फायदा मिलेगा।
फिटमेंट फैक्टर पर पड़ेगा यह असर
आठवां वेतन आयोग लागू होते ही फिटमेंट फैक्टर भी प्रभावित होगा। यह 2.57 से बढ़कर 3.68 हो जाएगा, इससे न्यूनतम वेतन 26000 तक पहुंच सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे कर्मचारियों के वेतन में संभावित बढ़ोतरी ₹20,000 से ₹25,000 तक हो सकती है।
फिलहाल इतना है फिटमेंट फैक्टर
वर्तमान समय की बात करें तो फिलहाल फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत है, अगर इसे बढ़ाकर 3.68 किया जाता है तो ऐसे में जिस केंद्रीय कर्मचारी (central government) की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी। यानी सैलरी में सीधे तौर पर 49,420 रुपए लाभ मिल सकता है।