मधुमेह (डायबिटीज) ब्लड में शुगर के बढ़ने की विशेषता वाली एक क्रॉनिक डिजीज है. अभी तक इसका कोई ठोस इलाज नहीं है, इसे केवल लाइफस्टाइल में बदलाव और इंसुलिन से मैनेज किया जा सकता है. WebMD के अनुसार, डायबिटीज में खाने से पहले 70 से 130 mg/dL और खाने के बाद 180 mg/dL शुगर रहना चाहिए.
यदि शुगर इससे ज्यादा हुआ तो तबीयत बिगड़ सकती है. ऐसे में शुगर को मॉनिटर करना और इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है. आयुर्वेद में भी कुछ जड़ी-बूटियां हैं जो इस बीमारी को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं, उनमें से एक है सदाबहार. स्टडी के अनुसार, सदाबहार की पत्तियों में हाइपोग्लाइसेमिक इफेक्ट होता है, जिससे शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
सदाबहार के फायदे-
एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव
सदाबहार में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं. यह शरीर के सेल्स को सुरक्षित रखने में मदद करता है और मधुमेह से संबंधित जटिलताओं को कम करता है.
इंसुलिन संवेदनशीलता
कुछ स्टडी से पता चला है कि सदाबहार इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है. इससे शरीर को इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलती है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए जरूरी.
अन्य लाभ
सदाबहार का नियमित सेवन हार्ट हेल्थ में सुधार, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
ऐसे करें यूज
सदाबहार के पत्तों को उबालकर एक चाय तैयार करें. इसे सुबह और शाम पीना फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा ताजे सदाबहार के पत्तों का रस निकालकर उसमें थोड़ा नींबू का रस मिलाएं और इसे प्रतिदिन सुबह खाली पेट पिएं. सूखे सदाबहार के पत्तों को पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे एक चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ लें.
इन बातों का रखें ध्यान
यदि आप पहले से ही किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं, तो सदाबहार का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है. सदाबहार का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है. हमेशा संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करें.