9th का बच्चा निकला जीनियस, कबाड़ से बना डाली E-Bike, फूल चार्ज में दौड़ती है 100KM

delhi 9th student made e bike

कहते हैं एक क्रिएटिव माइन्ड कभी शांत नहीं बैठता है। वह रोज नए नए इनोवेटिव आइडियाज के बारे में सोचता रहता है। यह यूनिक आइडियाज ही उसका भाग्य पलटने में मील का पत्थर साबित होते हैं। अब दिल्ली के रहने वाले 9वीं क्लास के इस छात्र को ही देख लीजिए। इस स्टूडेंट को कबाड़ के कलपुर्जों कलाकारी करने का बड़ा शौक है। ऐसे में इस हुनरमंद बच्चे ने कबाड़ की चीजों से एक ई-बुलेट ही बना डाली। इस ई-बुलेट की खासियत ये है कि इसे एक बार चार्ज करने पर ये 100 किलोमीटर तक दौड़ सकती है।

ये अनोखा कारनामा करने वाले इस बच्चे का नाम राजन शर्मा है। राजन दिल्ली के सरकारी स्कूल सर्वोदय बाल विद्यालय में 9वीं का छात्र है। उसे बचपन से ही कबाड़ की चीजों से कुछ नया बनाने का शौक रहा है। जब लॉकडाउन के समय स्कूल बंद थे तो उसने कबाड़ से ई-साइकिल बनाने का एक्सपेरिमेंट किया। हालांकि उसक यह प्रयोग सफल नहीं हुआ। इस बात को लेकर उसके पिता दशरत ने फटकार भी लगाई थी। हालांकि राजन के अंदर का क्रिएटिव इंसान शांत बैठने को तैयार नहीं था।

ई-साइकिल बनाने में फेल होने के बाद उसने ई-बाइक बनाने की ठान ली। हालांकि कबाड़ से ई-बाइक बनाने में भी पैसों की जरूरत थी। राजन के पिता पहले ही बेटे की इन कलकारियों से तंग आ चुके थे। ऐसे में वे एक और नए प्रयोग के लिए पैसे नहीं देते। ऊपर से राजन के परिवार की आर्थिक स्थिति भी कुछ खास नहीं है। लेकिन राजन ई-बाइक बनाने का मन बना चुका था। ऐसे में उसने अपने पिता से झूठ बोला कि उसे स्कूल से एक प्रोजेक्ट मिल है जिसे जल्द पूरा करना है। जब बेटा बार बार पिता के पीछे पड़ा रहा तो आखिर वे राजी हो गए।

बेटे के प्रोजेक्ट के लिए पिता ने जैसे तैसे पैसों का जुगाड़ किया। कुछ पैसे उन्होंने अपनी कंपनी में काम करने वाले लोगों से मांगे तो कुछ इधर उधर से उधार लिए। अब पैसे तो आ गए, लेकिन एक समस्या ये थी कि पुरानी बाइक की जुगाड़ कैसे की जाए। इसके लिए बाप बेटे ने कबाड़ मार्केट के चक्कर लगाना स्टार्ट कर दिया। जल्द ही उन्हें मायापुरी कबाड़ मार्केट में एक 10 हजार रुपए में रॉयल इनफील्ड बाइक मिल गई।

पुरानी बाइक मिलते ही राजन ने अपनी रिसर्च शुरू कर दी। वह पहले कई दिनों तक तो गूगल और यूट्यूब से ई-बाइक के बारे में जानकारी लेता रहा। इसके बाद उसने रॉयल इनफील्ड के एक-एक पुर्जे निकाल दिए। फिर ऑनलाइन वीडियो की सहायता से ई-बाइक बनाना स्टार्ट किया। 3 महीने के अंदर राजन ने ई-बाइक बना भी ली। उसकी ई-बाइक एक बार चार्ज करने पर लगभग 100 किमी चलती है। राजन ने अपनी ई-बाइक का लुक लगभग सेम रखा है।

राजन की ई-बाइक की स्पीड 50 किमी प्रति घंटा है। हालांकि हाइवे पर या ओवेरटेक करने के लिए इसे 80 किमीप्रति घंटा तक ले जाया जा सकता है। ई-बाइक की बैटरी गिरे न इसलिए उसने बाहर लकड़ी का बॉक्स लगाया गया है। यह ई-बाइक बनाने में राजन के करीब 45 हजार रुपए खर्च हो गए। अब वह भविष्य में ई-कार बनाना चाहता है।

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