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मर्डर पर अब दारोगाजी नहीं लगाएंगे 302, बदल गईं ये 15 धाराएं, आप भी कर लीजिए याद

मर्डर पर अब दारोगाजी नहीं लगाएंगे 302, बदल गईं ये 15 धाराएं, आप भी कर लीजिए याद

New Indian Criminal Law: भारत ने अपने लीगल फ्रेमवर्क में एक बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रहा है. 1 जुलाई से, तीन नए अपराधिक कानून लागू हो गए हैं. ये पुराने जमाने के अंग्रेजों के राज के वक्त बने कानूनों को बदल दिया गया है. इन नए कानूनों को “भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस)”, “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)” और “भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)” नाम दिया गया है. इन कानूनों में क्रमशः 1860 के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1973 की दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदल दिया है. इनके अलावा भी बदला हुए हैं. आज हम बदले हुए 15 कानूनों के बारे में बता रहे हैं.

क्राइम और उनकी सजा

अपराध  IPC (पुरानी धारा)  BNS (भारतीय न्याय संहिता) (नई धारा)  सजा
किडनैपिंग 363  111  10 साल की कैद और जुर्माना
अटेंप्ट टू मर्डर 307  109 (1)  10 साल की जेल और जुर्माना
मर्डर 302  103 (1)  आजीवन कैद, जुर्माना या मौत की सजा
लापरवाही मौत का कारण 304 (A)  106 5 साल की जेल और जुर्माना
गैर इरादतन हत्या 304  105 5 से 10 साल की जेल और जुर्माना
स्नैचिंग 379 (A)  304 3 साल तक की कैद और जुर्माना
स्टॉकिंग 354 (D)  78  3 साल तक की जेल और जुर्माना
छेड़छाड़ 354  77  1 से 5 साल तक की सजा और जुर्माना
यौन उत्पीड़न 354 (A)  75 (2)  3 साल का कठोर कारावास या जुर्माना या दोनों
गैंग रेप  376 (D)  70 (1) 20 साल तक का कठोर कारावास या मृत्यु तक आजीवन कारावास और जुर्माना
डकैती 394  309  10 साल का कठोर कारावास और जुर्माना
दंगे  147  191 (2)  2 साल की जेल या जुर्माना या दोनों
चोरी  379 303 (2)  1 से 5 साल तक का कठोर कारावास और जुर्माना
जबरदस्ती वसूली  383  308 (2)  संज्ञेय, गैर जमानती, 7 साल की जेल, या जुर्माना या दोनों
गैरकानूनी सभा CrPC 144  BNS 189 2 साल की कैद और जुर्माना
himachalikhabar
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