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मुस्लिम थी गोविंदा की मां, शादी के बाद धर्म बदलकर बनींं साध्वी, इस वजह से लिया ये बड़ा फैसला…

मुस्लिम थी गोविंदा की मां, शादी के बाद धर्म बदलकर बनींं साध्वी, इस वजह से लिया ये बड़ा फैसला…

मुस्लिम थी गोविंदा की मां, शादी के बाद धर्म बदलकर बनींं साध्वी, इस वजह से लिया ये बड़ा फैसला…

Govinda: बॉलीवुड के राजा भैया यानी गोविंदा अब फिल्मों में कम ही नजर आते हैं। लेकिन एक समय ऐसा था जब वह इंडस्ट्री पर राज करते थे। एक्टर ने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। इतना ही नहीं एक साल में उनकी कई फिल्में रिलीज हो जाती थी। गोविंदा (Govinda) अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहे। एक्टर हमेशा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर खुलकर बात करना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोविंदा की मां मुस्लिम थी।

मुस्लिम थी गोविंदा की मां

गोविंदा (Govinda) अपने इंटरव्यूज में कई बार इस बात का जिक्र कर चुके है कि वह अपनी मां से बहुत प्यार करते हैं। गोविंदा काफी धार्मिक इंसान हैं जिन्हें अक्सर पूजा-पाठ करते देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोविंदा की मां जन्म से मुस्लिम थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 जून 1927 को गोविंदा की मां निर्मला देवी का जन्म वाराणसी में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका शादी से पहले का नाम नाजिम था। वह भी अदाकारा थी। लेकिन साल 1941 में उन्होंने फिल्म प्रोड्यूसर अरुण कुमार ओझा से शादी कर ली जिसके बाद उनका नाम बदलकर निर्मला देवी रखा गया।

Govinda की मां बन गई थी साध्वी

निर्मला देवी ने शादी के बाद चार बच्चों कामिनी, कृति कुमार, पुष्पा आनंद और गोविंदा को जन्म दिया। गोविंदा (Govinda) के जन्म के बाद ही निर्मला देवी ने संन्यास ले लिया और साध्वी बन गई थीं। 3 जुलाई 1998 में 81 वर्ष की उम्र में एक्टर की मां का मुंबई में निधन हो गया था। गोविंदा अपनी मां के बहुत करीब थे और उनसे बहुत प्यार करते थे।

मां के अंगूठे को धोकर पीते थे Govinda

मुस्लिम थी गोविंदा की मां, शादी के बाद धर्म बदलकर बनींं साध्वी, इस वजह से लिया ये बड़ा फैसला...

गोविंदा (Govinda) को अक्सर पुराने इंटरव्यूज में अपनी मां के बारे में बात करते हुए देखा गया है। एक्टर की पत्नी सुनीता ओझा ने भी कई बार बताया है कि गोविंदा बहुत अच्छे बेटे हैं और वो अपनी मां से बहुत प्यार करते थे। आज जबकि उनकी मां नहीं हैं तब भी वो अपनी मां की तस्वीर के दर्शन करके ही बाहर निकलते हैं। सुनीता ओझा ने बताया – जब उनकी मां जिंदा थीं तब कुछ साल तक गोविंदा अपनी मां के अंगूठे को धोकर पीते थे। वह अपनी मां को देवी की तरह पूजते हैं और आज भी उन्हें याद करके इमोशनल हो जाते हैं। वह आज भी अपनी मां की तस्वीर के सामने घंटो बैठे रहते हैं।

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