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कुत्ते की मौत पर मालिक ने 1500 लोगों को करवाया भोज, पूरे रीति रिवाज के साथ किया अंतिम संस्कार

कुत्ते की मौत पर मालिक ने 1500 लोगों को करवाया भोज, पूरे रीति रिवाज के साथ किया अंतिम संस्कार

यह बात तो हम सब लोग भली-भांति जानते हैं कि कुत्ता एक समझदार जानवर होता है। इसमें कोई शक नहीं है कि कुत्ता एक वफादार और उपयोगी जानवर है। अक्सर देखा गया है कि लोग अपने घरों में कुत्ता पालते हैं। जिस घर में कुत्ता होता है उस घर के सभी लोग उससे बहुत प्यार करते हैं। वहीं छोटे बच्चे भी इस पालतू जानवर के साथ खेलना पसंद करते हैं। वैसे हम सभी लोगों ने इंसान और जानवर के प्रति प्यार और विश्वास की बहुत सी कहानियां पढ़ी होंगी।

कुत्ते की मौत पर मालिक ने 1500 लोगों को करवाया भोज, पूरे रीति रिवाज के साथ किया अंतिम संस्कार

लेकिन क्या आप लोगों ने कभी सोचा है कि कोई अपने पालतू कुत्ते से इतना प्यार कर सकता है कि उसके मरने के बाद उसके मालिक ने इंसानो जैसी विधि विधान से क्रिया कर्म किया हो। जी हां, उत्तर प्रदेश के झांसी में एक मालिक का अपने पालतू कुत्ते से इतना गहरा लगाव था कि मरने के बाद उसे इंसानों की तरह विदाई दी। अब इसकी चर्चा दूर-दूर तक हो रही है।

9 मई को हुई थी कालू नाम के कुत्ते की मौत

आपको बता दें कि लाखन सिंह यादव मोंठ तहसील के पूछ गांव के रहने वाले हैं। उन्हें अपने पालतू कुत्ते कालू से बहुत लगाव था। कालू नाम के कुत्ते की मृत्यु होने पर तेरहवीं भोज रखना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कुत्ते की मृत्यु के पश्चात तेरहवीं भोज का आयोजन किया गया, जिसमें 1500 लोगों को भोज के लिए बुलाया गया था।

कालू नाम के कुत्ते की मृत्यु बीमारी की वजह से 9 मई को हो गई थी। घरवालों ने उसे बेतवा नदी में प्रवाहित कर अंतिम संस्कार किया था। परिवार ने 13 दिन के बाद रविवार को कुत्ते की आत्मा की शांति के लिए सुबह हवन पूजा किया था, फिर शाम को भोज कराया था।

पूरे रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया

किसान लाखन सिंह के द्वारा यह बताया गया कि उनके पालतू कुत्ते कालू की उम्र 21 वर्ष की थी। जब उसकी उम्र 4 महीने की थी तो वह उसे अपने घर लेकर आए थे। उन्होंने कुत्ते कालू को बड़े ही लाड प्यार से पाला था। परिवार के सभी लोग उससे बहुत प्यार करते थे। कालू कुत्ता 24 घंटे उनके साथ ही रहा करता था। लेकिन बीमारी के चलते 9 मई को उसकी मौत हो गई, जिसके चलते पूरे परिवार के लोग बहुत उदास हो गए।

जिस प्रकार से एक इंसान की मृत्यु होने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाता है, ठीक उसी प्रकार से उन्होंने अपने पालतू कुत्ते कालू का भी अंतिम संस्कार किया। पूरे रीति-रिवाज के साथ उसको बेतवा नदी में बहाया और फिर उनके बेटों ने अपने सिर के बाल भी मुंडवाए। उन्होंने कुत्ते कालू की मौत पर विधि-विधान से सभी कर्मकांड किए हैं। रविवार को 13 दिन पूरे होने पर उसकी तेरहवीं भी की गई। जिसकी मृत्यु भोज का भी आयोजन हुआ और उनके रिश्तेदार सहित गांव के लोगों शामिल हुए।

लाखन सिंह ने कही यह बात

लाखन सिंह ने बताया कि कुत्ते कालू के रहते हुए उन्हें घर में कभी किसी चौकीदार को रखने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि 7 साल पहले पड़ोसी के घर में चोरी हुई थी। उसी रात चोरों ने उनके घर में घुसने का प्रयास किया था। चोरों ने कालू को जहर दे दिया था। सुबह जब उन्होंने देखा तो कालू बेहोश पड़ा हुआ उन्हें मिला। वह तुरंत ही उसे अस्पताल लेकर गए। तब उन्हें जहर देने की बात मालूम हुई। लाखन सिंह ने कालू को बेटे से बढ़कर बताया।

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