हर इंसान जीवन में सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता उन्हीं लोगों के पास जाती है, जो इनके लायक होते हैं। कुछ ही लोग होते हैं जो सफलता प्राप्त करते हैं और इसके पीछे छिपे कारण उसके गुण होते हैं। जो व्यक्ति समय का प्रबंधन करना जानता है, वह कोई भी सपना देख सकता है।
आचार्य चाणक्य अपनी नीति ग्रंथ में कुछ गुणों का जिक्र किया है, जिन्हें यदि व्यक्ति अपने में विकसित कर ले, तो वह स्वयं ही समय का सदुपयोग करना सीख जाएगा और जो चाहे प्राप्त कर लेगा।
1. अपने कर्म पर भरोसा रखें
भाग्य और कर्म दोनों के मेल से ही जीवन में सफलता मिलती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप भाग्य के भरोसे बैठ जाएं। ईश्वर ने मनुष्य को कर्म करने का गुण दिया है और कर्म से अपना नया भाग्य लिखने की शक्ति दी है। इसलिए भाग्य के भरोसे न रहें बल्कि जो हासिल करना चाहते हैं उसके लिए सही तरीके से प्रयास करें। अगर आप पूरी लगन से मेहनत करेंगे तो आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।
2. ईमानदार बनो
आप जो भी काम कर रहे हैं उसमें ईमानदारी बहुत जरूरी है। अगर आप अपने काम के प्रति ईमानदार नहीं हैं तो आप कभी भी सफलता हासिल नहीं कर सकते हैं। यदि व्यापारी अपना कार्य ईमानदारी से न करे तो उसे कार्य में कभी भी लाभ नहीं मिल सकता है।
3. कोई भी फैसला सोच-समझकर लें
जीवन में एक निर्णय आपको सफल भी बना सकता है और मंजिल तक भी पहुंचा सकता है। इसलिए कोई भी फैसला सोच समझकर लें। निर्णय लेने से पहले स्थिति का ठीक से आंकलन कर लें। फिर किसी नतीजे पर पहुंचे। आप चाहें तो कोई भी फैसला लेने से पहले अनुभवी लोगों की राय भी ले सकते हैं।
4. धार्मिक कार्य करें
आचार्य का कहना है कि व्यक्ति को जीवन में धर्म के कार्य अवश्य करने चाहिए। धर्म करने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का प्रभाव कट जाता है और उसे भाग्य का सहयोग प्राप्त होता है। यदि भाग्य का कर्म से मिलन हो जाए तो व्यक्ति को बहुत जल्दी सफलता मिल जाती है।