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भारत के इस प्रदेश का यह गांव है काफी मशहूर , यहां किराए पर महीने भर के लिए मिलती हैं बीवियां

भारत के इस प्रदेश का यह गांव है काफी मशहूर , यहां किराए पर महीने भर के लिए मिलती हैं बीवियां

इस दुनिया में आज के समय हर चीज़ की सुविधा मिल जाती है, चाहे फिर वो वाइफ ही पत्नी ही क्यों न हो। दुनियाभर में आज भी महिलाओ पर होने वाला शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा। महिलाओ की जिस्फरोशी का धंधा भी काफी फल फूल रहा है। एक समय था जब भारत में प्रथा और परंपराओं के नाम पर न जानें कितनी ही कुरितियों को बढ़ावा दिया जाता था। आज भी हमारा समाज पर्दाप्रथा व सती प्रथा जैसी और भी कई कुरीतियों के तले खुलकर सांस नहीं ले पा रहा है। जिसकी वजह है आज भी कुछ जगहों पर प्रथा के नाम पर होने वाले ढ़कोसले की वजह से औरत की आबरु को ठेस पहुंचाने की प्रथा है।

हम आपको एक ऐसी प्रथा के बारे में बताने हैं, जिसमे महिलाएं खरीदी जाती है। और फिर उन्हें इस धंधे में उतार दिया जाता है। जैसे-जैसे लोगों में जागरुकता बढ़ी उन्हें अच्छी और बुरी चीज़े दिखने लगी, जिसके नतीजतन धीरे- धीरे देश से कुप्रथाओं का साया छटने लगा। अब केवल महिलाओ को खरीदा या बेचा ही नहीं जाता बल्कि उन्हें एक साल के लिए किराए पर अपनी बीवी भी बनाया जा सकता है। मामला मध्य प्रदेश का है, जहां शिवपुरी नाम की एक जगह पर धड़ीचा प्रथा काफी मशहूर है। यहाँ हर साल एक मंडी लगाई जाती है, जहाँ लड़कियों को एक तरफ खड़ा करके प्रथा के नाम पर उनका सौदा किया जाता है। यहां पर एक मंडी लगती है जहां पर लड़कियों को खड़ा किया जाता है।

जिसमें हर वर्ष यहां के घरवालें अपनी बेटियों को 1 साल के लीए बेच दिया करते हैं। इस प्रथा के अंतर्गत पुरुष अपनी मर्जी से मन-पसंद लड़की को 1 साल के लिए अपने साथ ले जाते हैं। यहां बिकने वाली महिलाओं को कॉन्‍ट्रेक्‍ट तैयार किया जाता है। जिसमें खरीदने वाले व्यक्ति को महिला या उसके परिवार को एक निश्चित रकम अदा करनी पड़ती है। एक मोटी रकम देने के बाद दोनों पति-पत्नी बन जातें हैं। वह तभी तक पति पत्‍नी रहते हैं जबतक पुरुष उसको अपनी पत्‍नी मानता है। रकम के आधार पर रिश्ते स्थाई नहीं होतें हैं। उन्‍हें खत्म कर दिया जाता है। कई महिलाओं ने इस प्रथा को लेकर अपनी आवाज उठाई लेकिन हर बार उनकी आवाज को दबा जाता है।

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