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दाद, खाज और खुजली की समस्या को 2 दिन में दूर कर देंगे ये 2 रामबाण नुस्खे

दाद, खाज और खुजली की समस्या को 2 दिन में दूर कर देंगे ये 2 रामबाण नुस्खे

दाद, खाज और खुजली की समस्या को 2 दिन में दूर कर देंगे ये 2 रामबाण नुस्खे

सौंफ (Fennel) :

  • सौंफ के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। भारत में सौंफ का इस्तेमाल काफी पहले से ही किया जाता है। सौंफ को लोग सुपारी के साथ खाना पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप एक हफ्ते तक सौंफ का सेवन करंगे तो इससे आपको बहुत सारे फायदे मिलेंगे।
  • सौंफ में कई ऐसे तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। हमारे घरों में साधारणतः सौंफ का इस्तेमाल खाना खाने के अंत में किया जाता है, क्योंकि इसको खाने से मुँह की बदबू दूर होती है। सौंफ में ताँबा (copper), आयरन, कैल्सियम, पोटाशियम, मैंगगनीस, सिलीनीअम, ज़िन्क और मैग्नेशियम जैसे मिनरल्स पाये जाते हैं। चलिए पता लगाते हैं कि सौंफ खाने के और कितने फायदे होते है।

सौंफ (Fennel) के 9 अद्भुत फायदे :

  1. साँस की बदबू को दूर करता है – सौंफ माउथ फ्रेशनर का काम करती है। इसमें कई तरह के सुगंधित तेल होते हैं जो मुँह से बदबू को दूर करता है। इसको चबाने से आपके मुँह में लार का उत्पादन बढ़ता है जो मुँह में छिपे हुए खाद्द पदार्थों को निकालकर हजम करने की क्रिया को शुरू करवाती है। एन्टी-बैक्टिरीअल और एन्टी इन्फ्लैमटोरी गुणों के अलावा ये साँसों के बदबू और मसूड़ों को संक्रमित करने वाले जीवों को नष्ट करती है। टिप – खाना खाने के बाद साँस की बदबू को दूर करने के लिए सौंफ खायें। अगर आपके मसूड़ों में संक्रमण हैं तो सौंफ के कुछ दानों को पानी में डालकर उबाल लें और उस काढ़े से गार्गल करें। इस काढ़े से नियमित रूप से गरारा करने पर साँस की बदबू दूर होती है।
  2. बदहजमी, कब्ज़, और ब्लोटिंग से राहत दिलाती है- सौंफ बदहजमी को दूर करती है। जैसे ही आप सौंफ को चबाना शुरू करते हैं इसमें जो ज़रूरी तत्व होते हैं वे पाचन क्रिया का काम करना शुरू कर देते हैं। साथ ही इसमें जो फाइबर होता है वह मल को नरम करके कब्ज़ की समस्या को दूर करती है।
  3. मा-सिक धर्म के दर्द से राहत दिलाता है – सौंफ श्रोणि और ग-र्भाशय के जगह में रक्त को नियमित और संतुलित रूप से प्रवाह करवाकर मा-सिक धर्म के दौरान दर्द से राहत दिलाती है। जर्नल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेद के अनुसार जो महिलायें मासिक धर्म के दौरान सौंफ का सेवन करती हैं, उनको दर्द का कष्ट कम सहना पड़ता है। टिप- एक पैन में ज़रूरत के अनुसार पानी लें और उसमें एक बड़ा चम्मच सौंफ डालकर उसको तब तक उबालें जब तक कि पानी का रंग न बदल जाये। उसके बाद काढ़े को छान लें। मा-सिक धर्म के दौरान गुनगुना गर्म काढ़े का सेवन करने से दर्द से राहत मिलती है।
  4. कैंसर की संभावना को कम करता है- सौंफ मैंगगनीस के अच्छे स्रोतों में एक है। शरीर जब इस मिनरल का इस्तेमाल करता है तब एक शक्तिशाली एन्टी-ऑक्सिडेंट एन्जाइम सूपरऑक्साइड डिस्म्यूटेस (superoxide dismutase) का उत्पादन होता है जो कैंसर की संभावना को कम करता है। सौंफ चबाने से त्वचा, पेट और स्तन कैंसर की संभावना कुछ हद तक कम होती है।
  5. एनीमिया से रक्षा करती है- सौंफ में आयरन, ताँबा और हिस्टिडाइन तीनों भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जिससे शरीर में लाल रक्त कण (red blood cells) का उत्पादन अच्छी तरह से हो पाता है। सौंफ का सेवन करने से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ने लगती है जिसके फलस्वरूप हिमोग्लोबेन की मात्रा भी बढ़ जाती है। रोजाना सौंफ खाना गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभदायक होता है क्योंकि ये एनीमिया के बूरे प्रभाव से बचाती है।
  6. वाटर रिटेनशन को कम करता है- सौंफ में मूत्रवर्द्धक (diuretic) गुण होने के कारण यह इडीमा होने से शरीर की रक्षा करती है। इसी गुण के कारण इसके नियमित सेवन से वज़न भी घटता है। इडीमा होने के बहुत से कारण होते हैं, इसलिए सौंफ का इस्तेमाल करने के पहले सही वजह का पता पहले लगा लेना अच्छा होता है।
  7. वज़न घटाएगा- सौंफ में मूत्रवर्द्धक गुण होता है। इसी कारण जब आप इसको अपने डायट में शामिल करेंगे तब यह आपके हजम शक्ति को सुधारने के साथ-साथ शरीर के चयापचय (metabolism) के रेट को बढ़ाकर वज़न को घटाती है। जर्नल ऑफ डाइबीटिज एण्ड मेटाबॉलिक सिन्ड्रोम के अध्ययन के अनुसार सौंफ और काले मिर्च के मिश्रण का सेवन करने से इन्सुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है और वज़न घटता है। साथ ही ये कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करती है और मेटाबॉलिक सिन्ड्रोम और डाइबीटिज से बचाती है। टिप- ज़रूरत के अनुसार सौंफ को भूनकर पीस लें। इसके पावडर को गर्म पानी में मिलाकर काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में दो बार खाली पेट खाने से बहुत ही अच्छा फल मिलता है।
  8. ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करती है- जर्नल ऑफ फूड साइन्स के अध्ययन के अनुसार सौंफ में नाइट्राइट और नाइट्रेट प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। ये दोनों यौगिक नए रक्त कोशिकाओं के बनने और संख्या को बढ़ाने में सहायता करती है। अध्ययन से यह पता चला है कि ये लार में नाइट्राइट की मात्रा को बढ़ाकर नैचरल तरीके से ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करती है। इसके अलावा सौंफ में जो पोटाशियम की उच्च मात्रा होती है, ये कोशिका और बॉडी फ्लूइड की ज़रूरी तत्व में से एक है। ये तत्व हृदय की गति और ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायता करती है। टिप- खाने के तुरन्त बाद सौंफ को चबाकर खायें। इससे न सिर्फ ब्लड-प्रेशर नियंत्रित रहता है बल्कि हजम करने की शक्ति बढ़ती है।
  9. मुँहासों को आने से रोकती है और त्वचा को स्वस्थ रखती है- एन्टी-बैक्टिरीअल और एन्टी-ऑक्सिडेंट गुणों के कारण यह त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। इसके बीज से बनाया हुआ सोल्युशन लगाने से मुँहासों का आना तो कम होता ही है साथ ही स्किन टोन्ड, हेल्दी और रिंकल-फ्री भी होता है। यह बढ़ते उम्र के लक्षणों को भी कम करती है। टिप- सौंफ के कुछ दानों को पानी में रंग बदलने तक उबाल लें। अब इस मिश्रण को ठंडा करके टोनर के रूप में इसका इस्तेमाल करें। चेहरे पर इसको लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें और सूखने के बाद पानी से धो लें।
  10. पेट संबंधित बहुत सारी बीमारियां : सौंफ के का सेवन करने से पेट संबंधित बहुत सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इस के लिए सौंफ और मिश्री का मिश्रण बना लें और प्रतिदिन दूध में मिलाकर इसका सेवन करें।
  11. आँखों की रोशनी : प्रतिदिन सौंफ के तेल की सर में अच्छी तरह मालिश करने से आँखों की रोशनी तेज होती है।
  12. त्वचा में निखार आएगा : प्रतिदिन कुछ सौंफ को मुँह में रखकर धीरे धीरे इसे चूसें ऐसा करने से आपकी त्वचा में निखार आएगा।
  13. दस्त को ठीक करे : दस्त को रोकने में भी सौंफ बहुत सहायक है । दस्त होने पर सौंफ और चीनी के चूर्ण को पानी में घोलकर पीने से दस्त से आराम मिलता है।
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