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Mughal Harem: मुगल बादशाह को खुश करने के लिए दासियां करती थी ये काम, रानियों की रौनक भी पड़ जाती थी फीकी​​​​​​​

Mughal Harem: मुगल बादशाह को खुश करने के लिए दासियां करती थी ये काम, रानियों की रौनक भी पड़ जाती थी फीकी​​​​​​​

Mughal Harem: मुगल बादशाह को खुश करने के लिए दासियां करती थी ये काम, रानियों की रौनक भी पड़ जाती थी फीकी​​​​​​​

Mughal Harem Histroy: मुगलकाल में महिलाओं और दासियों के अलावा किन्नरों के साथ भी संबंध बनाए जाते थे। इनका खुलासा पुराने इतिहासकारों ने अपनी किताबों में किया है।

इतालवी यात्री मनूची और और डच व्यापारी फ्रांसिस्को पेलसर्ट ने हरम और मुगल बादशाहों की जुड़ी कई ऐसी बातें अपने संस्मरणों में उजागर की जो चौंकाने वाली थीं. उनके संस्मरणों में यह साफतौर पर लिखा गया था कि मुगल बादशाह किस कदर भोग विलास में डूबे रहते थे.

दासियों के बीच उत्तेजित करने वाली चीजें खाता था
पेलसर्ट ने लिखा है कि जब जहांगीर अपनी बेगम से मिलने की योजना बनाता था तो उसकी भी तैयारी होती थी. बेगम के कमरे को भव्यता के साथा सजाया जाता था. इत्र को छिड़ककर कमरे को खुशबू से भर दिया जाता था. दासियां रेशमी पंखों से हवा करती थीं. कुछ दासियां गुलाब जल का छिड़काव करती थीं और महिलाओं से घिरा बादशाह जहांगीर अफीम और उत्तेजित करने वाली चीजें खाता था.

जो दासी पसंद आई, रात उसके साथ बिताई
पेलसर्ट ने लिखा है कि हरम में बेगम से इतर उसे जो भी दासी पसंद आती थी वो उसके साथ रात बिताता था. अगर वो जहांगीर को खुश रखने में कामयाब रहती थी तो उस पर इनामों की बारिश कर दी जाती थी और वाे हमेशा के लिए बादशाह की चहेती हो जाती थी. अगर कोई दासी बादशाह को खुश करने में असफल हो जाती थी तो उसे बादशाह के सामने कभी नहीं लाया जाता था.

यही वजह थी कि दासियां मुगल बादशाहों की पसंद और नापसंद का ख्याल रखती थीं. वो उन्हें नाखुश करने का कोई मौका नहीं देना चाहती थी, भले ही मासिक भत्ते को जेवर और कपड़ों के लिए खर्च करना पड़ जाए.

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