दरअसल हत्या के प्रयास और एससी-एसटी के मुकदमे और इसके बाद दो असलहों के लाइसेंस निरस्त होने के बाद भाजपा महानगर उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल का दर्द छलका है। इसी के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अपना दर्द बया किया। उन्होंने लिखा कि मैं प्रदीप अग्रवाल उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी बरेली महानगर। कल की घटना से पार्टी के वरिष्ठ नेता या किसी विधायक, किसी सांसद, किसी मंत्री, किसी ऊंचे पदाधिकारी ने मेरा मामला संज्ञान में नहीं लिया। कोई अगर साथ नहीं दे सकता है तो कम से कम खड़े होकर दो बोल तो प्यार के बोल सकता है।
आगे उन्होंने लिखा कि इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं। मेरा मन इतना दुखी हुआ है कि मेरे मन में विचार आ रहा है क्यों ना मैं हिंदू धर्म त्याग कर मुसलमान धर्म अपना लूं। उनके रहूंगा तो पीड़ा होगी, दुख तो नहीं होगा कि कोई बोल नहीं रहा है। बाकी जो भाग्य को मंजूर होगा देखा जाएगा। अगर मेरी अभी नहीं सुनी गई तो मैं 15 दिन के अंदर मुस्लिम धर्म अपना लूंगा।
भाजपा उपाध्यक्ष की यह पोस्ट वायरल होते ही पूरी पार्टी हरकत में आ गई। भाजपा के कई बड़े पदाधिकारी सक्रिय हो गए। उन्होंने प्रदीप अग्रवाल को समझाकर पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदीप ने सोशल मीडिया से पोस्ट हटा ली। प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए। उन्हें जेल भेजा गया।
उनके दोनों शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। इसके बाद भी पार्टी के किसी नेता ने उनकी कोई पैरवी नहीं की। किसी ने सहानुभूति के दो शब्द तक नहीं कहे। इससे वे आहत थे। इसी रोष के कारण उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर 15 दिन में धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बनने की बात कही थी। अब भाजपा के तमाम पदाधिकारियों ने उन्हें पूर्ण समर्थन देने की बात कही है।