राहुल गांधी की वित्त मंत्री ने लगाई क्लास, RG फाउंडेशन में कितने SC/ST…

नई दिल्ली: बजट पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से जो बातें कही गईं उनमें सबसे अधिक चर्चा चक्रव्यूह और हलवा सेरेमनी की रही। राहुल गांधी ने सवाल उठाए थे कि बजट बनाने वालों में कोई दलित अधिकारी नहीं था। उनके इस बयान के बाद ही यह चर्चा थी कि वित्त मंत्री जरूर इस पर कुछ न कुछ बोलेंगी। मंगलवार बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बजट तैयार करने वाले अधिकारियों और हलवा सेरेमनी में शामिल अधिकारियों की जाति के बारे में पूछना समाज को कई वर्गों में बांटने की साजिश है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी पूछ डाला कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट में कितने SC-ST के लोग रखे गए हैं। हलवा सेरेमनी पर नेता प्रतिपक्ष के हमले पर वित्त मंत्री ने पूछा कि ये कब से फोटो इवेंट बन गया।

ये आरक्षण की बात करते हैं… वित्त मंत्री ने साधा निशाना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एससी को लेकर पंडित नेहरू का एक कोट पढ़ा। इसमें उन्होंने रिजर्वेशन का विरोध करने की बात कही थी। वित्त मंत्री ने कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट इंदिरा गांधी की सरकार के समय आई जिसे किनारे कर दिया गया। यह वही कांग्रेस है जिसका नारा था न जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर। और आज फोटो दिखाकर ओबसी, एससी, एसटी के बारे में पूछा जा रहा है। निर्मला सीतारमण ने राजीव गांधी के एक इंटरव्यू का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि नो प्रमोशन टू इडियट्स ऑन द नेम ऑफ रिजर्वेशन। वित्त मंत्री ने कहा कि आज ये आरक्षण की बात करते हैं।

राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने SC?
वित्त मंत्री ने कहा कि मैं जानना चाहती हूं कि राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने एससी हैं। नौ लोग हैं और इनमें कोई एससी नहीं है। राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में 5 लोग हैं वहां भी कोई एससी नहीं है। राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) हैं और उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है।

किसी ने बेटा तो कोई पिता को खोया फिर भी बाहर नहीं निकले
सीतारमण ने कहा कि हलवा समारोह के बाद इससे जुड़े कर्मचारी बजट जारी नहीं होने तक बाहर नहीं आते हैं। पहले उन्हें नौ दिन और आठ रात अलग-थलग गुजारनी पड़ती थी, लेकिन अब उन्हें पांच रात और चार दिन सबसे दूर रहना होता है। वे बजट के बाद ही बाहर आ पाते हैं। बजट की गोपनीयता के लिए ऐसा करना जरूरी होता है। उन्होंने इस बजट की तैयारियों से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, उप-प्रबंधक कुलदीप शर्मा पिता के निधन के बावजूद बजट तैयारियों में शामिल हुए और बाहर नहीं निकले। इसी तरह सुभाष अपने बेटे का निधन होने के बाद भी बाहर नहीं आए। राहुल गांधी का बयान ऐसे कर्मचारियों का अपमान है।