Zomato और Swiggy ने ग्राहकों की बढ़ा दी टेंशन, अब इतना महंगा हो गया खाना मंगवाना

आज बहुत सारे लोग बाहर जाकर खाने की या घर पर खाने की जगह ऑनलाइन आर्डर कर देते हैं | कई बार जोमाटो या फिर स्विग्गी पर अच्छे ऑफर मिल जाते हैं जिसकी वजह से खाना सस्ता भी पड़ता है | अगर आप भी खाना बाहर से मंगवाते हैं तो अब आपको ये महंगा पड़ने वाला है क्योंकि जोमाटो और स्विग्गी ने इन रेट्स को बढ़ा दिया है | कितने बढ़े है रेट, आइये जानते हैं

Zomato और Swiggy ने ग्राहकों की बढ़ा दी टेंशन, अब इतना महंगा हो गया खाना मंगवाना
आज हर रोज़ करोड़ों लोग ऑनलाइन खाना मंगवाते हैं जिससे स्विग्गी और जोमाटो वालों को तगड़ी कमाई होती है | अगर आप भी आये दिन इन एप्प्स से खाना मंगवाते हैं तो जान लीजिये की स्विगी और जोमैटो से खाना ऑर्डर वाले कस्टमर्स को कंपनी ने झटका दिया है. कंपनी ने बेंगलुरु और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में प्लेटफॉर्म शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. यानी अब Zomato और Swiggy से खाना ऑर्डर करना महंगा हो गया है. Zomato और Swiggy दोनों ने प्रति ऑर्डर 2 रुपये के शुल्क के साथ शुरुआत की थी. लेकिन धीरे-धीरे शुल्क में बढ़ोतरी की.

हालिया वृद्धि के बाद जोमैटो और स्विगी ने बेंगलुरु और दिल्ली जैसे प्रमुख बाजारों में अपनी प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाकर 6 रुपये कर दी है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दोनों कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में बढ़ोतरी की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, डिलीवरी फर्मों के लिए प्लेटफार्म शुल्क जरूरी है क्योंकि वे अपनी टेक दरों में सुधार करना चाहते हैं. जोमैटो और स्विगी दोनों अपने कुल राजस्व और मुनाफे को बढ़ाने के लिए प्लेटफार्म फीस बढ़ाने का फैसला किया है.

इससे पहले भी बढ़ाया था शुल्क

जनवरी में स्विगी ने कुछ सेलेक्टेड यूजर्स के लिए 10 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू किया था. यह शुल्क उस समय कई यूजर्स से लिए जाने वाले 3 रुपये से काफी अधिक था. हालांकि, 10 रुपये का शुल्क वास्तव में कस्टमर्स से नहीं लिया गया था. बल्कि, फाइनल चेकआउट के दौरान डिस्काउंट के बाद 5 रुपये का शुल्क लिया गया था.

इसके बाद अप्रैल में ज़ोमैटो ने एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ सहित प्रमुख शहरों में अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क 25% बढ़ाकर 5 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया था. कंपनियां अधिक प्लेटफॉर्म शुल्क के जरिये अपनी लाभ बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, विज्ञापन भी आय का प्रमुख स्रोत है. लेकिन फूड प्रोडक्ट कंपनियों से कमीशन बढ़ाने में कठिनाई हो रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *