हिंदू धर्म में नारियल को श्रीफल भी कहते हैं। इसका उपयोग कई तरह की पूजा पाठ और अनुष्ठानों में होता है। यहां हर पूजा पाठ नारियल के बिना अधूरी मानी जाती है। पूजा पाठ में अक्सर जटा वाला और पानी वाला नारियल इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। जब ये पूजा समाप्त होती है तो नारियल फोड़कर उसका प्रसाद सभी में बांटा जाता है।
नारियल और संतान प्राप्ति का क्या है कनेक्शन?
आप ने सुना होगा कि महिलाएं कभी नारियल नही फोड़ती हैं। उन्हें ऐसा करने को मना किया जाता है। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं? दरअसल इसके पीछे एक दिलचस्प वजह है। और इस वजह का सीधा संबंध संतान प्राप्ति से होता है।
दरअसल हिंदू मान्यताओं में अनुसार नारियल मनुष्य का प्रतीक होता है। यह नारियल एक बीज है और महिलाएं इस बीज के रूप में ही संतान को जन्म देती है। इसलिए यदि कोई महिला नारियल तोड़ती है तो वह संतान सुख से वंचित रह सकती है। या फिर उसे अपनी संतान की ओर से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जब हम कोई नारियल फोड़ते हैं तो उसमे से पानी निकलता है। इसके साथ ही इसमें से कई बार एक सफेद रंग का बीज भी निकल जाता है। अब कहते हैं कि यदि कोई महिला ये बीज खाती है तो उसे संतान का सुख जल्दी मिलता है। हालांकि इस बीज को ग्रहण करने का भी एक खास तरीका होता है।
महिलाओं को नारियल का बीज चबाकर नही खाना चाहिए, बल्कि इसे सीधा पानी के साथ निगल जाना चाहिए। क्योंकि ये बीज बच्चे का प्रतीक होता है, इसलिए इसे चबाया जाए तो ये टूट जाता है और फिर इसका असर खत्म हो जाता है।
इसलिए आप जब भी कोई नारियल फोड़े और उसमें कोई बीज निकले तो उसे अपने पास संभालकर रख लें। इसके बाद इसे उस महिला को दें जो संतान सुख पाना चाहती है। इस बीज को ग्रहण करते ही उसके घर बच्चों की किलकारियां गूंजने लगती है।
नारियल के अन्य धार्मिक फायदे
संतान प्राप्ति के अलावा नारियल के और भी कई धार्मिक लाभ होते हैं। जैसे यदि आपके मन में कोई मुराद है तो आप अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए उन्हें अपनी मर्जी के अनुसार जितने चाहे उतने नारियल चढ़ाने की मन्नत मांग सकते हैं। फिर जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तो उतने ही नारियल भगवान को अर्पित कर दें।
इसी तरह कोई भी नया या शुभ काम शुरू करने से पहले भगवान का नाम लेकर नारियल जरूर फोड़े। इससे आपका वह काम आसानी से और बिना किसी बड़ा के पूर्ण हो जायेगा।