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ब्रेन ट्यूमर होने से पहले हमें मिल जाते है ये 4 संकेत, क्या आप के साथ भी ऐसा होता है

ब्रेन ट्यूमर होने से पहले हमें मिल जाते है ये 4 संकेत, क्या आप के साथ भी ऐसा होता है

ब्रेन ट्यूमर होने से पहले हमें मिल जाते है ये 4 संकेत, क्या आप के साथ भी ऐसा होता है

  • ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में होने वाली असामान्य कोशिकाओं का एक संग्रह है। आपके मस्तिष्क को आवरण में रखने वाली खोपड़ी (Skull) बेहद ही कठोर होती है। इस तरह से इस सीमित स्थान के भीतर कोई भी असामान्य कोशकीय विकास समस्याएं पैदा कर सकता है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) या गैर-कैंसरयुक्त (सामान्य) हो सकता है। जब सौम्य या घातक ट्यूमर बढ़ते हैं, तो इससे खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ सकता है। यह स्थिति मस्तिष्क को क्षति पहुंचाता है और यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर को प्राथमिक या माध्यमिक श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होता है। कई प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर सौम्य (सामान्य) होते हैं। वहीं माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर, जिसे मेटास्टैटिक मस्तिष्क ट्यूमर (Metastatic Brain Tumor) के रूप में भी जाना जाता है, यह तब होता है जब कैंसर की कोशिकाएं आपके मस्तिष्क में फेफड़ों या स्तन जैसे किसी अन्य प्रभावित अंग से फैल जाती है।
  • ज्यादातर लोग सर दर्द की समस्या को छोटी-मोटी समस्या मान लेते है। ये किसी बड़ी बिमारी का संकेत भी हो सकता है l कई बार सर दर्द की समस्य में ब्रेन ट्यूमर का केस भी पाया गया है l ब्रेन ट्यूमर की बिमारी बहुत धीरे धीरे जन्म लेती है, और ये कभी भी और किसी को भी हो सकता है । जब ट्यूमर का आकार बढ़ जाता है तो, ये हमें संकेत देना चालु कर देता है।

ब्रेन ट्यूमर के संकेत

  1. दृष्टि परिवर्तन : ऑप्टिकल तंत्रिका पर या उसके निकट एक ट्यूमर धुंधला या दोहरी दृष्टि का कारण हो सकता है l ट्यूमर के आकार और स्थान के आधार पर, अन्य प्रकार के मस्तिष्क ट्यूमर असामान्य नेत्र आंदोलनों या दृष्टि में परिवर्तन का कारण हो सकता है।
  2. सिरदर्द : सिरदर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, आवृत्ति और सिरदर्द की तीव्रता में परिवर्तन से ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
  3. उलटी और मितली : ब्रेन ट्यूमर के संकेत में सर दर्द के साथ उलटी और मितली की शिकायत भी होती है कभी कभी पुरे दिन मिलती होती रहती है ये लक्षण अक्सर सुबह सुबह दिखाई देता है फिर तेजी से बढ़ने लगता है।
  4. दौरा पड़ना : ब्रेन ट्यूमर की स्तिथि में जब क्षतिग्रस्त कोशिकाएं दिमाग में जाल फैलाना शुरू करते है तो इससे आज पास की कोशिकाओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जिस वजह से दौरा पड़ता है।

रजनी अचानक काम करते करते तेज सिरदर्द की शिकायत करने लगी तो उसके मां ने सिरदर्द की दवा दे दी। थोड़ी देर के लिए तो आराम मिल गया पर जैसे ही वो दोबारा उठी सिर में बहुत तेज दर्द और आँखों के अंधेरा छा गया। रजनी की ऐसी हालत देखकर उसकी मां उसे लेकर अस्पताल गई, जहां डॉक्टर्स ने टेस्ट कराया जिसके बाद पता चला कि उसे ब्रेन ट्यूमर है। ये सुनकर तो उसके परिवार वालो के होश ही उड़ गए। हालांकि डॉक्टर्स ने उन्हें इस बारे मे विस्तार से समझाया और बताया कि इसका इलाज संभव है, आइए जानते है डॉक्टर्स ने क्या कहा….

  • मस्तिष्क हमारे शरीर का वह महत्वपूर्ण और नाजुक हिस्सा है, जिसका संबंध संपूर्ण शरीर से है। अगर मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में कोई तकलीफ हो तो उसका प्रभाव शरीर के दूसरे अंगों की गतिविधियों पर भी पड़ता है। सिर में किसी भी तरह की तकलीफ या मस्तिष्क से जुड़ी किसी समस्या का आभास होने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। बीमारी सही समय पर पकड़ में आए तभी निदान आसान हो पाता है।’
  • मस्तिष्क में मुख्यत: दो प्रकार के टयूमर होते हैं- पहला है बिनाइन टयूमर जो धीरे-धीरे बढ़ता है और दूसरा मेलिगेंट टयूमर, जो कैंसर युक्त होता है। पहले तरह के टयूमर कुछ दवाओं से नियंत्रित हो जाते हैं और जो दवाओं से ठीक नहीं हो पाते उन्हें ओपन सर्जरी और गामा नाइफ सर्जरी से ठीक करने की कोशिश की जाती है परंतु कैंसर युक्त टयूमर पूर्णतया ठीक होते हैं। टयूमर दिमाग में किस जगह पर है सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यही बात है।
  • अभी तक ब्रेन ट्यूमर के कारणों का सही-सही पता नहीं चल पाया है। लेकिन अगर कभी-कभी मिरगी के दौरे के सामान दौरा पड़ता हो या बेहोशी आती हो, सिर में असहनीय दर्द होता हो, हाथ-पैरों में ऐंठन हो,  ज्यादा कमजोरी का एहसास हो,  सुबह के समय सिर में अक्सर दर्द होता हो,  दृष्टि का अचानक कम होना या कलर ब्लांइडनेस आदि की शिकायत को हल्के में ना लेकर डॉक्टर्स से मिले।
  • मस्तिष्क मानव शरीर का सबसे संवेदनशील भाग है। टयूमर उसमें कहां है किस नस को छू रहा है। किस हिस्से पर उसका कितना प्रभाव है, यह बात अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी पर आधारित होकर मरीज का इलाज किया जाता है।

सबको एक जैसा उपचार नहीं दिया जाता उपचार रोग की जटिलता पर निर्भर करता है। कभी-कभी कुछ टयूमर ऐसे होते हैं जहां तुरंत सर्जरी (शल्य चिकित्सा) कर बाद में गामा नाइफ सर्जरी भी करनी पड़ती है।

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