मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारी ने सोमवार को कहा कि एक करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी हिंदी भारत का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को मारा जा रहा है। रंगपुर के पार्षद की हत्या कर दी गई। सिरसागंज में 13 पुलिसकर्मियों को मार दिया गया, जिसमें 9 हिंदू थे। अब तैयार हो जाएं, क्योंकि 1 करोड़ बांग्लादेशी हिंदू बंगाल आ रहे हैं।’ पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस से इस संबंध में केंद्र से बात करने की अपील की है।
अधिकारी ने कहा कि उन शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ”बांग्लादेश में हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है। अगर अगले कुछ दिनों में बांग्लादेश में स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो बंगाल के लोगों को 1947 या 1971 के मुक्ति संग्राम की तरह एक करोड़ से ज्यादा शरणार्थियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
बांग्लादेश में कई हफ्तों से हिंसा का दौर जारी है। मुल्क में छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हसीना के इस्तीफे और उनके देश छोड़ने की खबरें सामने आते ही सोमवार को ही हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी उनके आवास पर पहुंच गए। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता शेख मुजिबुर रहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया था।