अब बांग्लादेश में विद्रोहियों के होश फाख्ता करेगी इंडियन आर्मी, मोदी सरकार ने दी फुल छूट
नई दिल्ली: बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के बीच वहां की अपदस्थ प्रधानमत्री शेख हसीना के भारत में ठहरने के बाद अब भारत चाहता है कि इंडियन आर्मी बांग्लादेश पहुंचकर हालात संभाले. इसके लिए भारत ने सेना प्रमुख जनरल वकर-उस-जमान के नेतृत्व में बांग्लादेश के सैन्य नेतृत्व से संपर्क किया है. कहा है कि हिंसक प्रदर्शनो, अस्थिरता से जूझ रहे देश में शांति, कानून व्यवस्था कायम करना वक्त की जरूरत है और इसे जल्द से जल्द कर देना चाहिए.

पीएम मोदी ने वचन दिया है कि…
सरकारी सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी की ओर से सेना प्रमुख से पहले ही संपर्क किया जा चुका है. सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव सहायता देने का वादा भी पीएम मोदी की ओर से किया गया है. शेख हसीना के बारे में यह सर्वविदित है कि वे इस्लामवादियों के खिलाफ एक मजबूत दीवार थीं जो इस सबके बीच हुई साजिशों के कारण अब नहीं रही. ऐसे में इस मोर्चे पर भी भारत चाहता है कि वह मजबूती से इस बाबत सक्रिय रहे. पड़ोसी देश में मच रहे उत्पात का असर अपने देश पर भी पड़ सकता है. वैसे खुद बांग्लादेश भी पाकिस्तान की ही तरह फाइनेंशल क्राइसिस से जूझ रहा है. शेख हसीना के जाने से भारत के लिए मुश्किल स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि अब उसे कट्टरपंथ से जूझना होगा.

भारत पर बांग्लादेश के हालातों का होगा यह असर
बता दें कि बांग्लादेश और भारत के बीच आयात और निर्यात बहुत होता है. पड़ोसी देश के इस सकंट का भारत के कारोबार पर बुरा असर पड़ सकता है और कई चीजों के दाम महंगे हो सकते हैं. बांग्लादेश से भारत में खेती बाड़ी से जुड़ा सामान, कपड़े, जूते, जूट के सामान, लैदर का सामान, प्रोसेस्ड फूड से लेकर फल-सब्जियां तक आयात की जाती हैं.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में एस जयशंकर से जब विपक्ष ने पूछा कि क्या हसीना को हटाए जाने में पाकिस्तान की कोई भूमिका थी तो उन्होंने पाकिस्तानी राजनयिकों के सोशल मीडिया अकाउंट पर बांग्लादेशी विपक्ष की तस्वीरें होने की बात की ओर इशारा किया और कहा कि पाकिस्तान के इंटरफेयरेंस की भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है.