पटना : बिहार में जमीन से संबंधित सभी तरह की समस्याओ को दूर करने के लिए दूसरे चरण का जमीन सर्वे शुरू किया गया हैं। इसको लेकर कई जिलों में कैंप लगाने का काम चालू कर दिया गया हैं और लोगों को इसकी जानकारी भी दी जा रही हैं।
खबर के अनुसार पटना जिले के सभी 1395 राजस्व गांवाें की 3005 वर्ग किमी जमीन का अलग-अलग खतियान बनेगा। यह खतियान जीवित रैयत के नाम से बनाया जायेगा। साथ ही साथ जमीन के सभी दस्तावेजों को डिजिटल रूप दिया जायेगा।
बता दें की बिहार में अभी जमीन के खतियान ऐसे व्यक्ति के नाम हैं, जो जीवित नहीं हैं। लेकिन सर्वे के माध्यम से अब खतियान को जीवित रैयत के नाम किया जायेगा और जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान जमीन का खतियान भी अपडेट होता रहेगा।
दरअसल जमीन सर्वे के दौरान सर्वे टीम स्थल पर जाकर जमीन की नापी करेगी। साथ ही साथ लोगों के दखल-कब्जा और वैध दस्तावेज की जांच करेगी, इसमें खतियान, जमाबंदी आदि वैध कागजात दिखाना होगा। इसके बाद जमीन सर्वे का काम पूरा किया जायेगा।
जमीन सर्वे से होने वाले फायदे?
1 .जमीन का खतियान जीवन रैयत के नाम होगा।
2 .जमीन का नया नक्शा भी तैयार किया जायेगा।
3 .जमीन के सभी दस्तवेजों को डिजिटल किये जायेंगे।
4 .जमीन से संबंधित सभी तरह के विवाद को दूर किया जायेगा।
5 .लोगों को ऑनलाइन के माध्यम से जमीन के सभी कागज मिलेंगे।
6 .जमीन की खरीद बिक्री में पारदर्शिता आएगी और धोखाधड़ी दूर होगा।