राजा ने बूढ़े लोगों को राज्य से निकाल दिया

राजा बोला ‘सभी बुजुर्गों को राज्य से निकाल दो’ युवक ने पिता को तहखाने में छिपा लिया, फिर..

अब कई दिन बीतते गए। राजा को अपने राज्य के बुजुर्ग खटकने लगे। फिर उसने आदेश निकाल दिया कि राज्य में जीतने भी बुजुर्ग हैं उन्हें राज्य छोड़ जाना होगा। राजा ने इस आदेश का सख्ती से पालन करवाया। नतीजा ये हुआ कि राज्य के सभी बुजुर्ग चले गए। हालांकि एक युवक को अपने पिता से बहुत प्रेम था। ऐसे में उसने तहखाने में अपने बूढ़े बाप को छिपा दिया। वह चोरी चुपके उनकी सेवा करने लगा।

कुछ साल यूं ही बीत गए। फिर राज्य में भयंकर अकाल आ गया। लोगों के पास खाने को कुछ नहीं था। बर्फ के पिघलने का टाइम आ आगया। लेकिन राज्य में किसी के पास बुआई करने को एक डाना नहीं था। लोगों के भूखे रहने की नौबत आने वाली थी। बुद्धिमान और अनुभवी बुजुर्गों के अभाव में राज्य में किसी को इस मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता भी नहीं मिल रहा था।

हालांकि राज्य में एक बुजुर्ग तहखाने में छिपा हुआ था। उसने अपने बेटे को मुसीबत में देख काम की सलाह दी। उसने कहा कि तुम बस सड़क के किनारे हल चला दो। तुम्हारा काम बन जाएगा। बेटे ने बाकी लोगों को ऐसा करने को कहा। लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। बल्कि मजाक उड़ाया। फिर बेटे ने खुद ही सड़क किनारे जितना उससे हो सका उतना हल जोत दिया।

कुछ समय बाद बर्फ पिघल गई और जहां हल चलाए थे वहाँ पौधे उग आए। ये बात पूरे राज्य में फैल गई। राजा भी इससे प्रभावित हुआ और युवक को अपने दरबार बुलाया। उसने पूछा कि तुमने ऐसा कैसे किया? इस पर उसने अपने पिता की बात बता दी। फिर राजा ने बुजुर्ग बाप को बुलाया। उसने बताया कि ‘किसान जब भी गाड़ी में अनाज घर ले जाते थे तो सड़क किनारे कुछ बीज गिर जाते थे।’

राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसे समझ आया कि राज्य में अनुभवी बुजुर्गों का होना कितना जरूरी है। फिर उसने सभी बुजुर्गों को राज्य वापस बुलाया लिया।

कहानी की सीख

लाइफ में बड़े बुजुर्गों की मौजूदगी बहुत जरूरी है। आजकल लोग घर के बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं। उनकी सलाह नहीं मानते हैं। उनका अपमान करते हैं। जबकि ये गलत है। वे आपके घर सबसे अनुभवी हैं। उनकी सलाह से आपका लाभ ही होगा।